कोरोनाकाल में बीसी सखी बनी ग्रामीणों के लिए बैंकिंग का सहारा, अप्रैल माह में 1 करोड़ से अधिक राशि का लेन-देन ग्रामीणों के मिल रही पेंशन और श्रम भुगतान की घर पहुंच सेवा
कोरोना संक्रमण से उपजी विषम परिस्थितियों ने जहां शहर से लेकर गांव तक हर वर्ग के जनजीवन को बेहद प्रभावित किया है। वहीं बीसी सखी दीदियां कोविड सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराकर अपना कर्तव्य पूरा कर रही हैं। इससे ग्रामीणों को उनकी पेंशन और श्रम भुगतान जैसी सुविधाएं द्वार पर ही मिल रही है। कोरोना काल के इन कठिन हालातों में भी बीसी सखी दीदियों ने हार नहीं मानी जिसका नतीजा है कि कोरिया जिले में कार्यरत 130 से अधिक बैंक सखी दीदीयों ने अप्रैल माह में ही 1 करोड़ 41 लाख रूपये तक की राशि का लेन-देन किया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के जिला मिशन प्रबंधक श्री रामेन्द्र गुर्जर ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि बिहान योजना के अंतर्गत स्व सहायता समूहों द्वारा बीसी सखी के रूप में आजीविका संचालन किया जा रहा है। बिहान के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं को स्व सहायता समूहों में जोड़कर उन्हे प्रषिक्षित करने के बाद उस क्षेत्र के संबंधित बैंक से सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया जाता है। जिसके तहत ग्रामीणों को शासन की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, बीमा सुरक्षा योजना, किसान सम्मान निधि, गोधन न्याय योजना आदि से जुड़ने के लिए बैंक खाते खोलने, पेंशन का आहरण करने, मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान पाने के लिए घर पहुंच सेवा मिलने लगी है। कलेक्टर श्री एसएन राठौर एवं सीईओ जिला पंचायत श्री कुणाल दुदावत के मार्गदर्शन में कोरिया जिले में बिहान के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में सहज बैंकिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए 130 से ज्यादा बीसी सखी नियुक्त की गई हैं। जो गांव में जाकर हितग्राहियों को आसान बैंकिंग के माध्यम से सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बीसी सखियों एवं पे पोईंट सखियों द्वारा आम लोगों एवं दूरस्थ अंचल के ग्रामीणों को आधार लिंक के द्वारा नगद लेनदेन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
- यीशै दास -जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट
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