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एक ही जगह पर 5 - 6 वर्षों से अजगर की तरह कुंडली मार जमे रेलवे सिग्नल विभाग...के 2 इंजीनियर ऐ.के. पंडा और वीरेंद्र कुमार के स्थानांतरण की मांग

एक ही जगह पर 5 - 6 वर्षों से अजगर की तरह कुंडली मार जमे रेलवे सिग्नल विभाग...के 2 इंजीनियर ऐ.के. पंडा  और वीरेंद्र कुमार के स्थानांतरण की मांग  

द०पू०म०रे० सिग्नल विभाग मनेन्द्रगढ़ में कार्यरत कुछ ईमानदार रेल के प्रति समर्पित कर्मचारियों ने अपना नाम न बताने की शर्त पर उक्त विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि संवेदनशील पद के समस्त सीनियर सेक्शन इंजीनियर/जूनियर सेक्शन इंजीनियर/कार्यालय अधीक्षक जैसे कर्मचारियों को एक ही जगह पर 3 वर्ष तक ही रखे जाने का प्रावधान किया गया है | जिस हेतु रेलवे बोर्ड द्वारा बनाए गए नियम पत्र संख्या ई/एन.जी/1/87/टी.आर/एनएफआईआर/जेसीएम/डीसी/ जारी दिनांक 27/09/1989 के तहत उक्त संवेदनशील पद के कर्मचारियों को एक ही जगह पर 3 वर्ष से अधिक नही रखा जा सकता | लेकिन नियम को ताक़ में रखकर शायद कीमती उपहार या चढ़ावा लेकर सीनियर डी.पी.ओ के द्वारा सिग्नल विभाग द०पू०म०रे० मनेन्द्रगढ़ में पदस्थ सीनियर सेक्शन इंजीनियर ऐ.के.पंडा जो संवेदनशील पद के कर्मचारी है | उसका मनेन्द्रगढ़ से अन्यत्र स्थानांतरण नहीं किया जा रहा ? जबकि उक्त पंडा को एक ही जगह मनेन्द्रगढ़ में करीब 5 - 6 वर्ष हो गए | वह अजगर की तरह कुंडली मार जमा हुआ है | इसी तरह जूनियर सेक्शन इंजीनियर वीरेंद्र कुमार को भी उक्त सिग्नल विभाग मनेन्द्रगढ़  में एक ही जगह पर करीब  6 - 7 वर्ष हो गए | उसका भी तबादला न करके उसे पदोन्नति देकर जूनियर सेक्शन इंजीनियर से अब सीनियर सेक्शन इंजीनियर बनाकर मनेन्द्रगढ़ में ही विधि विपरीत एक ही जगह पर 2 सीनियर सेक्शन इंजीनियरों को रखकर उक्त दोनों से भ्रष्टाचार कराते आ रहे हैं | सूत्र ये भी बताते है की तबादला नही होने के कारण से पद का दुरूपयोग करते हुए उक्त दोनों के द्वारा कुछ रेल कर्मचारियों से रेलवे के कार्यों को न कराकर अपने घरों में काम कराते देखा गया है और उक्त ईमानदार कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रात और दिन कोल्हू के बैल की तरह उन्हें पेरा जाता है | अगर उक्त दोनों ऐ.के. पंडा  और वीरेंद्र कुमार का रेलवे बोर्ड के नियमानुसार समय पर स्थानांतरण कर दिया जाता तो शायद इस प्रकार की गतिविधियां उत्पन्न कदापि नही होती ,जो इस समय निर्मित हो चुकी है | और उसी वजह से शायद कर्मचारी भी काफी हद तक उक्त दोनों से परेशान हो चुके हैं | इसके बावजूद क्या स्वार्थ है जो सीनियर डी.पी.ओ द्वारा उक्त दोनों का तबादला न करके रेलवे बोर्ड द्वारा बनाए गए उक्त नियम की धज्जियां उड़ाते हुए उक्त नियम को ठेंगा दिखा भ्रस्टाचार कराते आ रहे है | अब सवाल ये उठता है की उक्त रेलवे बोर्ड द्वारा तबादले के बनाये गये नियमों की धज्जियाँ उड़ाने वाले उक्त सीनियर डी.पी.ओ के विरुद्ध मण्डल रेल प्रबंधक आलोक सहाय जी के द्वारा कार्यवाही कर उक्त दोनों ऐ.के.पंडा  और वीरेंद्र कुमार का मनेन्द्रगढ़ से अन्यंत्र स्थानांतरण कराया जायेगा या फिर उक्त प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालकर वे भी भ्रस्टाचार कराते रहेंगे |  

 

  • प्रिंस शर्मा की रिपोर्ट

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