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ग्राम पंचायत कुशहा सचिव के भ्रस्टाचार की खुली पोल...ग्रामीणों ने की कार्यवाही की मांग

 ग्राम पंचायत कुशहा सचिव के भ्रस्टाचार की खुली पोल...ग्रामीणों ने की कार्यवाही की मांग           


कोरिया जिला अंतर्गत विकासखंड सोनहत क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुशहा का मामला जहां उक्त ग्राम के  सचिव की दबंगई से उक्त ग्राम की जनता काफी त्रस्त है | मिली जानकारी के अनुसार कई बार ग्रामीणों द्वारा उक्त सचिव के विरुद्ध शिकायत की गई | लेकिन उक्त सचिव के विरुद्ध किसी भी प्रकार से कार्यवाही नही किये जाने की वजह से उक्त सचिव का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है | जो अपने मनमाने तरीके से गुणवत्ता विहीन कार्य कराता है | जिसका जीता जागता उदाहरण - मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों को देखने से अंदाजा लगाया जा सकता है | इसके अतिरिक्त उक्त दबंग सचिव के द्वारा रोजगार सहायक पर दबाव बनाते हुए किसी और कार्य का मस्टरोल निकालकर किसी और जगह पर कार्य कराया जा रहा है | यह भी जानकारी मिली है की उक्त ग्राम पंचायत में WBM सड़क निर्माण का मास्टर रोल निकलवा कर गौठान के अंदर चल रहे SHG शेड का निर्माण कार्य मजदूरों से कराया जा रहा है | उक्त शिकायत स्वयं मजदूरों के द्वारा मीडिया के समक्ष की गई है | तथा इसी प्रकार उक्त दबंग सचिव के द्वारा उक्त ग्राम पंचायत के अंदर पौधरोपण कार्य बिरौरीडाँड़ का मास्टर रोल निकलवा कर हाट बाजार में चल रहे सामुदायिक शौचालय निर्माण में कार्य कराया जा रहा है | जिसकी पुष्टि खुद रोजगार सहायक ने करते हुए कहा की यह गलत तो है लेकिन क्या करे सचिव साहब के कहने पर ऐसा किया गया है । के पश्चात् उक्त ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार  - गौठान के बाहर मुर्गी शेड एवं बकरी शेड निर्माण का कार्य कराया जा रहा है जिसमें समस्त मजदूरों के द्वारा कार्य किया गया था | लेकिन सभी मजदूरों की 2-2 ,4 -4  दिन की मजदूरी उक्त सचिव के द्वारा मास्टर रोल से हाजिरी कटवा दी गई | उक्त बारे में पूछने पर रोजगार सहायक शेषमणि ने बताया की उक्त सचिव का निर्देश था की बकरी शेड निर्माण में 9 गोदी(9हाजिरी) तथा मुर्गी शेड निर्माण में चार गोदी(4हाजिरी) कुल मिलाकर तेरह हाजिरी देना है किंतु मास्टर रोल में 34 हाजिरी भरी गई थी | और जब उक्त सचिव के पास हस्ताक्षर कराने गया तो उनके द्वारा इनकार करते हुए कहा की इसमें सिर्फ तेरह हाजिरी देनी है और तुम 34 हाजिरी भरे हो इसलिए बाकी 21 हाजिरी मुझे उक्त सचिव के कहने पर विवश होकर काटना पड़ा | जबकि मजदूरों के द्वारा पूरा काम किया गया था। वही उक्त सचिव के द्वारा चरवाहे को भी नहीं किया गया 1 वर्ष से मजदूरी का भुगतान जो उक्त आदर्श गौठान के अंदर काम किया करता था | तथा मजदूरी का भुगतान मांगने पर उक्त चरवाहे से उक्त सचिव द्वारा अभद्र व्यवहार भी किया गया | उक्त कारण पूछने पर चरवाहे बद्री प्रसाद ने बताया की सचिव द्वारा बोला जाता हैं की गांव से जो भी मवेशी आएंगे उनसे ₹5 महीने की वसूली तुमको करनी है अब सवाल ये उठता है की उक्त चरवाहा अनपढ़ व्यक्ति है वह किस - किस के पास पैसा मांगने जाए | उक्त वजह से उक्त चरवाहे की मजदुरी रोक दी गयी है । अब यह एक हैरानी की बात है | की जब उक्त आदर्श गौठान में मवेशियों का आना प्रतिबंधित है | जबकि उक्त गौठान का निर्माण छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मवेशियों के रहने हेतु कराया गया है | उक्त गौठान में उक्त दबंग सचिव के द्वारा मवेशियों को लाने पर रोक लगा दी गई है | उक्त संबंध में गांव के ही रामकुमार, सेदरी और चरवाहा बद्री प्रसाद ने जानकारी देकर बताया कि 6 महीने से मवेशी उक्त गौठान के अंदर तक नहीं आए हैं कारण कि उक्त सचिव द्वारा कहा जाता है की अगर मवेशी गौठान के अन्दर आयेंगे तो यहां पर रखे पैरे को खा जाएंगे और गौठान के अंदर लगे पौधों को नुकसान भी पहुंचाएंगे | जिस कारण से उक्त मवेशियों का गौठान के अन्दर आना सख्त मना है | जबकि आश्चर्य की बात है की एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार गौठान के जरिए ग्रामों एवं शहरों में घूम रहे मवेशियों को एक निश्चित आश्रय स्थल देती है जहां मवेशियों के चारे पानी तथा छांव की पूरी व्यवस्था रहती है वहीं दूसरी तरफ सरकार के उक्त उद्देश्य की धज्जियां उड़ाते हुए उक्त दबंग सचिव ने उक्त आदर्श गौठान के अंदर मवेशियों का आना प्रतिबंधित कर रखा है। इस प्रकार उक्त दबंग सचिव के द्वारा किये गये एवं किये जा रहे क्रमवार भ्रस्टाचार की पोल खुलते ही उक्त सचिव के द्वारा कवरेज करने के दौरान पत्रकारों को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही है | जब ग्रामीणों ने चल रहे भ्रष्टाचार की कहानी बताने गांव के पंच विमला श्रीमती सानिया धर्मपाल राम फल तथा ग्रामीणों के द्वारा पत्रकारों को बुलाया गया एवं  पंचायत में चल रहे फर्जीवाड़े को बताया उक्त संबंध में जब रोजगार सहायक श्री शेषमणि से उनका वर्जन लिया गया तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि कार्य गलत हो रहे हैं लेकिन सचिव महोदय के आगे किसी की नहीं चलती दबी जबान में उन्होंने यह भी कहा कि मैं खुद बहुत परेशान हूं जब उक्त मामले की खबर सचिव को लगी तो उन्हें लगा की मीडिया में खबरें चलने के बाद सारा फर्जीवाड़ा उजागर हो जाएगा | उक्त डर से उक्त दबंग सचिव के द्वारा दूसरे सचिवों के जरिये फोन करवा कर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देकर बोला गया कि तुम लोग गाली गलौज कर पैसे मांग रहे थे जबकि हकीकत ये है की कवरेज करने गए उक्त दोनों पत्रकारों का उक्त सरपंच/सचिव से सामना हुआ ही नही  इसके बावजूद उक्त दबंग सचिव जो पैसे का रोब दिखाकर उक्त पत्रकारों को किसी झूठे मामले में फंसवाकर उक्त भ्रस्टाचार से भरी खबरों को चलने से रुकवाना चाहता हैं | उक्त जानकारी होते ही उसका विरोध कर पंच व ग्रामीण सीधे थाने पहुंच कर उक्त सरपंच/सचिव के विरुद्ध शिकायत कर बताया गया की हम लोगों के द्वारा ही पत्रकारों को खबर बनाने हेतु बुलाया गया था लेकिन सरपंच/सचिव द्वारा उक्त पत्रकारों के विरुद्ध झूठी शिकायत इसलिए कराई जा रही है | ताकि ग्राम पंचायत कुशहा के अंदर हो रहा भ्रष्टाचार दबा का दबा ही रहे और दूसरा कोई मीडिया कर्मी उक्त ग्राम पंचायत में कवरेज करने न आ सके। कार्यस्थल पर उक्त दबंग सचिव द्वारा मजदूरों से गाली - गलौज करने के संबंध में पंच श्रीमती विमला ,श्रीमती सानिया ,धर्मपाल ,रामफल सहित मजदूरों ने भी बताया की कार्यस्थल पर उक्त सचिव के मन मुताबिक कार्य न होने पर उनके द्वारा अभद्र व्यवहार कर गाली - गलौज की जाती है | यहां तक की महिला पंचों ने कहा कि हमारे सामने भी उक्त सचिव के द्वारा मजदूरों से अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है | वही महिलाओं का लिहाज भी नहीं करते हैं । बहरहाल अब देखना ये है कि उक्त ग्राम पंचायत कुशहा में किये जा रहे भ्रष्टाचार पर कब तक रोक लगाया जायेगा | एवं उक्त ग्राम पंचायत कुशहा के उक्त दबंग सचिव के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी | या फिर उक्त प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल भ्रस्टाचार करवाते रहेंगे | 

  • यीशै दास -जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट

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