जशपुर में स्नेक पार्क बनाने के प्रस्ताव पर विचार किया जावे- पर्यावरणविद उपाध्याय ||Chhattisgarh Lions||
- स्नेक पार्क बनने से छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान बनेगी
- शोधार्थियों को भी होगा फायदा
मनेंद्रगढ़ ।
2 साल पहले जशपुर में-" स्नेक पार्क "बनाने की योजना बनाई गई थी।
उस समय बड़ी प्रसन्नता हुई थी छत्तीसगढ़ में स्नेक पार्क होगा जो छत्तीसगढ़ का पहला
स्नेक पार्क कहलायेगा- उक्त आशय के विचार मनेंद्रगढ़ सुप्रसिद्ध पर्यावरण विद् एवं
राष्ट्रीय हरित वाहिनी के जिला समन्वयक सतीश उपाध्याय ने व्यक्त किया। श्री उपाध्याय
ने कहा कि- वैसे भी जशपुर के तपकरा को नाग लोक कहा जाता है। 2 वर्ष पहले स्नेक पार्क
की प्रशासनिक स्वीकृति के संबंध में उन्होंने कहा कि- लगभग पांच छ वर्षो के मंथन के
पश्चात तपकरा में स्नैक- पार्क बनाने के लिए प्रशासकीय स्वीकृति भी संभवत है मिल गई
थी, लेकिन अभी तक इस दिशा मे आज तक कोई काम नहीं हो सका है।
उस समय यह कहा गया था की जशपुर नगर में विष संग्रहण केंद्र के साथ स्नेक पार्क भी बनाया
जाएगा। पर्यावरण संरक्षण में विगत 20 वर्षों से जन जागरूकता मे जुटे वरिष्ठ पर्यावरणविद
उपाध्याय ने बतलाया कि- पहले इसकी लागत लगभग एक करोड रुपए निर्माण कार्य के लिए रखी
गई थी परंतु आज भी यह निर्माण कार्य लंबित है जिसके कारण स्नेक पार्क नहीं बन सका ।यदि
यह स्नेक पार्क बनकर तैयार हो जाता तो शायद छत्तीसगढ़ का यह पहला स्नेक पार्क होता।
अभी तक पूरे देश में केरल चेन्नई ,पुणे ,त्रिवेंद्रम ,बेंगलुरु में स्नेक पार्क है । इस संबंध में आगे उन्होंने चर्चा
करते हुए कहा कि 2018 में तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी छत्तीसगढ़
रायपुर के द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया गया था ।ज्ञात जानकारी के अनुसार
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी छत्तीसगढ़ रायपुर के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव
अनुशंसा के अनुसार राज्य कैंपा के स्टेरिंग कमेटी की बैठक के वर्ष 2015 -16 में स्वीकृत
बजट के अंतर्गत सर्प ज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर
दिया गया था। श्री उपाध्याय ने कहा कि अब यह बात समझ से परे है की स्वीकृति प्रदान
करने के बाद भी निर्माण कार्य क्यों नहीं शुरू किया गया। निर्माण कार्य के दस्तावेज
के साथ जो नक्शे लगाए गए थे उस में बदलाव की आवश्यकता महसूस की गई थी क्योंकि अंतिम
स्वीकृति शायद सेंट्रल जू अथॉरिटी को करना था ।इसी के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि करीब
5 साल पहले जुलाई में रायपुर में हुई राज क्षतिपूर्ति
वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण की बैठक में भी मुख्य सचिव ने तपकरा में सर्प
विष संग्रहण केंद्र के लिए एकीकृत कार्ययोजना बनाने के मौखिक निर्देश भी दिए थे। केंद्र
में सांपों का विष निकालकर उसे संग्रहित करने एवं इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से भी सलाह देने की बात कही गई थी ।
इस दिशा में कितना कार्य हुआ इसकी जानकारी नहीं है पर यह योजना अभी लंबित है। वन्य
प्राणियों के संरक्षण की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने वाले श्री उपाध्याय ने कहा
कि आने वाले समय में हम कोशिश करेंगे किस दिशा में कार्य हो। संबंधित विभाग स्नेक पार्क
व सर्प विष संग्रहण की दिशा में कार्य प्रारंभ कराने हेतु संबंधित अधिकारियों एवं विभाग
प्रमुखों से चर्चा की जाएगी। स्नेक पार्क के निर्माण होने सेवक्षेत्र में सांपों का
संरक्षण और विष संग्रहण केंद्र हो सकेगा । श्री उपाध्याय ने कहा कि- सांपों के जहर
की काफी मांग है इस कारण यह क्षेत्र भी देश में अपना एक विशिष्ट स्थान बना सकेगा। आम
लोग भी सांपो के बारे में करीब से जान सकेंगे उन लोगों में जो सांपों के प्रति भय व्याप्त
है, वह दूर हो सकेगा। लोगों में सर्पदंश के प्रति जागरूकता
बढ़ेगी इसके अतिरिक्त प्राणियो प्रति अच्छी
संवेदनाएं रखने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं को नवीन जानकारी मिल सकेगी। प्राणी विज्ञान
के विद्यार्थियों को भी रिसर्च एवं शोध के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे ।यदि स्नेक पार्क
छत्तीसगढ़ के जशपुर के तपकरा में स्थापित हो जाता है तो पर्यटन की दृष्टि से भी इस
जिले की विशिष्ट पहचान पुख्ता होगी एवं राजस्व की आमदनी भी होगी ।जिले के फरसाबहार, पत्थलगांव, तपकारा, बागबहार,कांसाबेल, बगीचा क्षेत्र में सांप बहुतायत में पाए जाते हैं। सर पर के
विभिन्न प्रजातियां की जानकारी देते हुए श्री उपाध्याय ने बताया कि नाग लोग में जो
सर्प पाए जाते हैं उसमें अधिकतर विषैले सांप हैं। सांपों की प्रजाति के यह जानकारी
देते हुए उन्होंने बतलाया कि इस क्षेत्र में बैंडेड करेंत ,नाग, वाइपर सहित अनेक विषैले सर्पों की लगभग 5 से अधिक प्रजातियां
पाई जाती हैं ।जिनमें करैत और नाग की संख्या अधिक है। अब देखना यह है कि सेंट्रल जू
अथॉरिटी के पास अनुमोदन के लिए यदि प्रस्ताव भेजा गया था तो वह प्रस्ताव अभी तक अनुमोदित
क्यों नहीं हो सका है। उन्होंने बतलाया के विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि -तपकरा में स्नेक पार्क बनाने के लिए वन विभाग के
द्वारा दो बार अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। यहां से भेजे गए प्रस्ताव में
कुछ संशोधन की आवश्यकता सेंट्रल जू अथॉरिटी ने बतलाया था एवं पुनः प्रस्ताव मांगा था
।जू अथॉरिटी से प्रस्ताव मांगे जाने पर वन विभाग के द्वारा प्रस्तावित नक्शे के डिजाइन
में भी बदलाव करते हुए प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए भेज दिया गया था लेकिन दूसरी बार
भेजे गए प्रस्ताव में भी सेंट्रल जू अथॉरिटी ने बदलाव करने की बात कहते हुए फिर से
नए प्रस्ताव की बात की थी। जिस पर वन विभाग ने फिर से नया प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन के
लिए भेज दिया गया था यदि इस बार जो ऐसे प्रस्ताव को अनुमोदन मिल जाता है तो हो सकता
है आने वाले समय में तब करा में स्नेक पार्क का निर्माण प्रारंभ हो जाए।
-सतीश उपाध्याय पर्यावरणविद जिला समन्वयक राष्ट्रीय
हरित वाहिनी जिला कोरिया मनेंद्रगढ़ 9300091563
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