मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल का भ्रष्टाचार हुआ उजागर|
हम आपको बता दें कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मनेंद्रगढ़ में पदस्थ हेल्थ इंस्पेक्टर को एक ही जगह पर करीब 7-8 वर्ष हो गए जबकि उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर जो कि संवेदनशील पद का कर्मचारी है तथा रेलवे बोर्ड द्वारा ऐसे पद के कर्मचारियों के तबादले हेतु नियम बनाए गए हैं कि उक्त पद के कर्मचारियों को एक जगह पर मात्र 3 वर्ष तक ही रखे जाने का प्रावधान किया गया हैं लेकिन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के द्वारा उक्त नियम का पालन न कर के उक्त नियम की धज्जियां उड़ाते हुए उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर को मनेंद्रगढ़ में करीब सात-आठ वर्षों से एक ही जगह पर रखकर भ्रष्टाचार कराते आ रहे हैं कारण कि सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर जो घर में ऐश करते रहता है और एक सफाई कर्मचारी जिसका नाम लक्ष्मण सिंह है जो सफाई कार्यों को छोड़कर कार्यालय में खुद साहब की भूमिका निभाते नजर आता है| सूत्र यह भी बताते हैं कि उक्त लक्ष्मण सिंह जो पदस्थ समय से 1 दिन भी फील्ड में सफाई का कार्य न करके सिर्फ साहब बन अन्य सफाई क्रमचारियो पर रौब जमाते हुए मनमाने तरीके से कार्य कराता हैं और साहब घर में ऐश करते हुए मुफ्त का वेतन प्रतिमाह करीब 70000-80000 रूपये आहरण कर रेल प्रशासन को सात-आठ वर्षों से चूना लगाते आ रहा हैं इसके अतरिक्त यह भी बताया जाता हैं की उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर कुछ शारीरिक रूप से कमजोर सफाई क्रमचारियो से अपने घर में काम कराता हैं और उक्त क्रमचारियो से प्रतिमाह प्रत्येक 5000-5000 रूपये उगाही करता ऐसी जानकारी भी प्राप्त हुई हैं शायद उक्त वजह से ही उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर मनेन्द्रगढ़ से बाहर जाना चाहता ही नहीं कारण की जो मजा उसे इस क्षेत्र में मिल रहा हैं जो अन्य जगहों में उसे नही मिलेगा लेकिन गौर करने वाली बात हैं की इस तरह के हो रहे भ्रष्टाचार पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के द्वारा किसी भी प्रकार से कार्यवाही नहीं की जा रही हैं उक्त वजह से पीड़ित सफाई क्रमचारियो ने समाचार के माध्यम से उक्त प्रकरण से अवगत कराते हुए उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर का मनेन्द्रगढ़ अन्यत्र स्थानांतरण कराये जाने मंडल रेल प्रबंधक द.पु.म.रे बिलासपूर से मांग की गई हैं अब देखना ये हैं की उक्त हेल्थ इंस्पेक्टर का मनेंद्रगढ़ से स्थानांतरण किया जाता हैं या फिर उक्त प्रकरण को ठन्डे बस्ते में डाल कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहेंगे |
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