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दूर्गा महिला स्वयं सहायता समूह की विमला के परिवार के लिए किराना, जनरल स्टोर्स बना सतत आजीविका का साधन

दूर्गा महिला स्वयं सहायता समूह की विमला के परिवार के लिए किराना, जनरल स्टोर्स बना सतत आजीविका का साधन

 


  • किशन देव शाह सहा. जिला ब्यूरो चीफ कोरिया की रिपोर्ट 

विकासखंड बैकुन्ठपुर के गोठान ग्राम पंचायत पतरापाली की विमला राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन बिहान  योजना से जुड करके एवं समूह के सभी नियमों का पालन करते हुए अपने समूह के सदस्यों को आर्थिक रूप से सषक्त बनने हेतु प्रेरणा दे रही है साथ ही उन्होने वित्तीय सहायता प्राप्त कर अपने परिवार के लिए सतत आजिविका भी सुनिष्चित कर ली है। विकासखंड बैकुन्ठपुर के गोठान ग्राम पंचायत पतरापाली में दूर्गा महिला स्वयं सहायता समूह का गठन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन (बिहान) के तहत 26/07/2017 को किया गया । इस समूह में कुल 10 सदस्य हैं तथा समूह के सभी सदस्य परम्परागत रूप से खेती का कार्य करते है, इस समूह की अध्यक्ष किरण एवं सचिव विमला है । 2017 में समूह गठन के बाद समूह के सभी सदस्यों ने बिहान के सभी नियमों का पालन करते हुए अपने समूह को आगे बढाया । इस समूह की एक सदस्य विमला जो समूह में सचिव भी हैं उन्होने अपने परिवार के पारम्परिक कृषि कार्य के अलावा आय का अन्य साधन बनाने के बारे में निर्णय लिया। इसके लिए उन्होने विकासखंड परियोजना प्रबंधन इकाई बैकुन्ठपुर की टीम से संपर्क कर बिहान योजना से समूह को प्राप्त होने वाले वित्तीय सहायता की जानकारी प्राप्त की तथा अपने लिए एक सतत आजीविका की योजना बनाकर उन्होने समूह की सहमती से अपने समूह हेतु बैंक से लोन हेतु विकासखंड परियोजना प्रबंधन इकाई बैकुन्ठपुर की टीम के सहयोग से आवेदन बैंक में प्रस्तुत किए। वर्ष 2018 में दूर्गा महिला स्वयं सहायता समूह को बैंक के द्वारा 1 लाख रू की राषि लोन के रूप में प्राप्त हुई, विमला ने समूह के सभी सदस्यों से सहमती प्राप्त कर उक्त 1 लाख राषि का उपयोग कर अपने घर में संयुक्त रूप से एक किराना, जनरल स्टोर्स के साथ जुते चप्पल, कपडे एवं श्रृंगार की दूकान की शुरूआत की । विमला के इस कार्य में उनके परिवार का भी उन्हंे काफी सहयोग मिला। लेकिन विमला ने अपने इस व्यवसाय को यही तक सीमित नहीं रखा। किराना, जनरल स्टोर्स से प्राप्त आय का उपयोग कर विमला के परिवार ने एक चार पहिया वाहन (वैन) क्रय किया तथा उनके इस व्यापार को आगे बढाते हुए उनके बेटे इस चार पहिया वाहन का उपयोग गांव के आस पास होने वाले सप्ताहिक बाजार में सामान विक्रय करने हेतु एवं फेरी लगाने हेतु करते हैं जिससे उन्हे अच्छी आमदनी भी मिल जाती है। इस व्यवसाय से विमला के परिवार को प्रतिमाह 15 से 17 हजार रू तथा प्रतिवर्ष 2 लाख से अधिक तक की आय प्राप्त हो जाती है। विमला का परिवार बिहान योजना के इस वित्तीय सहायता का लाभ लेकर आज बहुत खुष हैं जिसकी मदद से  उनके परिवार को सतत आजीविका की एक नई राह मिली है।


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