कोविडशील्ड वैक्सीन बना ग्रामीण के लिए वरदान... लकवा मरीज बिस्तर छोड़ लगा चलने... टिका के बाद तेजी आ रहा स्वास्थ्य में सुधार...
छत्तीसगढ़
के सरगुजा जिला में एक ऐसा चमत्कार हुआ है जो कि आने वाले समय में मेडिकल साइंस के
लिए एक शोध का विषय बन सकता है। मामला कोविड वैक्सीनेशन से जुड़ा है। एक इंसान
जिसकी अंधेरी सी जिंदगी में कोविडशील्ड वैक्सीन ने उजाला भर दिया। मामला सरगुजा
जिले के ग्राम पंचायत पलका के सरनापारा का है। पिछले ढाई साल से पैर में सूजन व
लकवा ग्रस्त होने के कारण चल फिर सकने में असमर्थ एक ग्रामीण को कोविडशील्ड का
पहला डोज लगते ही न सिर्फ खड़ा हो गया, बल्कि चलने भी लगा। वैक्सिन
के बाद उसमें यह बदलाव देख परिवार के सदस्यों के साथ चिकित्सक भी हैरान रह गए।
ढाई साल घुटने के नीचे पैर
में सुजन एवं लकवा की शिकायत
ग्राम
पंचायत पलका के सरनापारा निवासी संधू राम पिछले ढाई साल से घुटने के नीचे पैर में
सूजन व लकवा के कारण नहीं चल पा रहा था। उसका ज्यादा समय बिस्तर पर ही गुजरता था।
उपचार के बावजूद हालत में सुधार नहीं होने पर मरीज के साथ परिवार के सदस्य भी
निराश हो गए थे।
वैक्सीन लगते ही स्वास्थ्य
में आया सुधार
परिजनों
के मुताबिक 25 अप्रैल को स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोविडशील्ड वैक्सीन लगाया था।
वैक्सीन लगने के साथ ही उसने स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ और वह बिस्तर छोड़
कर खड़े हो गया 6 दिन
में ही बेहतर तरीके से चलने लगा। 22 जून को स्वयं साइकिल चलाकर
कोविडशील्ड का दूसरा डोज लगवाने केंद्र पहुंच गया।
कोविडशील्ड वैक्सीन को
बताया वरदान
दूसरा
टीका लगने के बाद संधू राम ने बताया कि कोविडशील्ड का टीका उसके लिए वरदान साबित
हुआ है। वह इन बीमारियों को लेकर पिछले कई साल से लाचार हो गया था। उस
बीमारियों को टीके के एक डोज ने दूर कर दिया। उसके स्वस्थ होने पर परिजनों में भी
उत्साह का माहौल है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे टीकाकरण में बढ़
चढ़कर हिस्सा लें।
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