कोरोना के कठोर नियम के चलते बैंक से पैसे निकालने ग्रामीणों के छुट रहे पसीने... जिम्मेदार कौन...
हम आपको बता दे की सम्पूर्ण कोरिया जिले को कंटेंटमेंट जोन घोषित किया गया है वहीँ कुछ आवश्यक कार्यों को छूट देते हुए, बैंक को भी
कोरोना नियम का पालन करते हुए जारी रखने के आदेश भी दिए गए हैं तथा उक्त आदेश के तहत जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए बैंक का संचालन किया जा रहा हैं। किंतु ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस विकराल रूप बनी हुई है कारण की एक पीड़ित के अनुसार उसके घर में उसकी पुत्री की शादी है, लेकिन बैंक द्वारा उक्त पीड़ित को
पैसे नहीं दी जा रही हैं। वहीँ जनकपुर मुख्यालय होने के कारण बैंक भी वहीँ पर है और ग्रामीण लोग 24-25 किलोमीटर दूर तय करते हुए पैसे लेने उक्त बैंक में आते हैं उन्हें पैसे नहीं मिलते। अब यदि ऐसे में किसी ग्रामीण के बच्चे की शादी है वह गरीब है तो उक्त गरीब क्या करें। जिस संबंध में बैंक में आए एक ग्राम बहरासी निवासी विजय भान
ने बताया कि मुझे अपनी पुत्री की शादी करनी है उक्त वजह से पैसे निकालने हेतु वह बैंक
आया था लेकिन बैंक द्वारा उक्त पीड़ित को यह बोला गया की आप जाकर एसडीएम से परमिशन
लेकर आइए तब आपको पैसे दिए जाएंगे। मगर कहासुनी होने के पश्चात् शादी का कार्ड
लगाने के बावजूद भी उक्त पीड़ित को राशि नहीं दी गई। जबकि उक्त पीड़ित विजय भान ने यह
भी बताया कि वह अपने बच्चे की शादी करना चाहता हैं जो अभी पुणे में है| उक्त दौरान
बैंक परिसर के अंदर एक अन्य पीड़ित जवाहिर भी मिला और उसने बताया की मैं अपने नातिन
की शादी में उसे कुछ उपहार देना चाहता हूं जिसके लिए मैंने बैंक से 10,000/- रूपये मांगे लेकिन मेरे
खाते में पैसे होने के बावजूद भी बैंक ने मुझे पैसे नहीं दिए। जहां लोग कोविड-19
का पालन करते
हुए दूरदराज से किसी तरह आकर बैंक तक पहुंच रहे हैं किंतु उक्त पीड़ितो को बैंक से पैसे
ही नहीं मिल रहे| उक्त वजह से ग्रामीणों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़
रहा है। अब देखना यह हैं की किस प्रकार जिम्मेदारों के द्वारा ग्रामीणों को उक्त
बैंक से पैसे दिलाये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जाती हैं |
- यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ कोरिया की रिपोर्ट
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