आरटीआई कार्यकर्ता श्री द्विवेदी ने SECL हसदेव क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार के विरुद्ध... आवाज बुलंद कर तानी कमान
आरटीआई
कार्यकर्ता अभिनव पी. द्विवेदी ने SECL हसदेव क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार की
गुत्थी खोलते हुए छत्तीसगढ़ लायंस न्यूज़ को जानकारी देकर बताया की साउथ ईस्टर्न
कोलफील्ड लिमिटेड का हसदेव क्षेत्र जो अपने उत्पादन के साथ साथ सुरक्षा एवं खेलों
में अग्रणी स्थान रखता था,आज उसकी हालत
दयनीय होती जा रही है लगातार उत्पादन में पिछड़ने के कारण क्षेत्र में कल्याणकारी
कार्यों पर प्रभाव पड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हसदेव क्षेत्र में गत वर्ष
की तुलना में 22% कम उत्पादन किया
है इसके फल स्वरुप लगभग इतना ही कोयला कम भेजा गया है डिस्पेस कम होने के कारण
हसदेव क्षेत्र की हानी लगातार बढ़ रही है हसदेव क्षेत्र में इन दिनों शिकायतों का
दौर चल रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक
यू.टी.कंझरकर ने गत वर्ष जब हसदेव क्षेत्र का प्रभार संभाला था तो उन्होंने ही एक
दैनिक अखबार को यह स्पष्ट कहा था कि उक्त महाप्रबंधक जो सतर्कता अधिकारी के पद पर रह
चुके हैं और उन्हें ज्ञात है कि हसदेव क्षेत्र में लिपिक संवर्ग में बहुत सारी
अनियमितता बताए हैं लोग एक ही टेबल पर नियुक्त होते हैं और उसी टेबल पर रिटायर्ड हो
जाते हैं? जबकि सतर्कता विभाग आयुक्त द्वारा समय-समय पर इस संबंध में दिशा निर्देश
जारी किए जाते हैं जिसके तहत लिपिक की श्रेणी का संवेदनशील पदों पर हर 3 वर्ष में स्थानांतरण होना ही चाहिए और मैं अति
शीघ्र उनका स्थानांतरण करूंगा परंतु न जाने क्या हुआ शायद कोरोना एक कारण हो सकता
है? कि उन्होंने किसी भी लिपिक श्रेणी की व्यक्ति का कोई भी स्थानांतरण नहीं किया
क्षेत्र में ऐसे-ऐसे लिपिक कार्य कर रहे हैं जिनके पास किसी भी प्रकार की कोई भी
शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र ही नहीं है वह टीटी मुंशी से सीधे ग्रेट
टू क्लर्क पद पर कर कार्यालय में कार्य कर रहे हैं और उनके द्वारा संपादित कार्यों
से श्रमिकों को प्रतिदिन न जाने कितने कानूनी पेशियों में फसना पड़ता है कुछ लोग
किसी अन्य जाति में भर्ती हुए और कालांतर में अपनी जाति बदल ली और तो और कुछ लोगों
ने तो अपने बाप तक के नाम भी बदल लिए वहीँ कुछ लोगों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता
संबंधी प्रमाण पत्रों में वृद्धि कर ली विगत कुछ समय से सतर्कता विभाग एसईसीएल
बिलासपुर हसदेव क्षेत्र को विभिन्न प्रकार की मार्गदर्शन जारी कर रहा है जिसके तहत
हसदेव क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण
पत्रों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य है परंतु न जाने क्या कारण है कि पुलिस
द्वारा इनका वेरिफिकेशन नहीं कराया जाता है और जब भी सूचना के अधिकार के तहत
जानकारी मांगी जाती है तो व्यक्तिगत जानकारी है का हवाला देकर उक्त जानकारियां
प्रदान नहीं की जाती हैं । जिसका जीता-जागता
प्रमाण अभिनव पी. द्विवेदी आरटीआई कार्यकर्ता ने SECL केन्द्रीय चिकित्सालय
मनेन्द्रगढ़ में पदस्त संतोष कुमार धर के संबंध में जानकारी चाही थी तो पीजी पोर्टल
के माध्यम से प्रबंधन ने उक्त जानकारी उपलब्ध कराने से साफ़ मना कर दिया की उक्त
केन्द्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ में चंदन सरकार के द्वारा वर्ष 2002 में एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया था जिसमें यह
लिखा था कि उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्रों में जन्मतिथि 02.12.1957
दर्ज है एवं कार्यालय दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि
02.12.1960 है जो भिन्न-भिन्न होने
के बावजूद भी छानबीन न करके प्रबंधन ने जुबान बंद कर उसकी जन्म तिथि 02.12.1960 को सही मान ली और उसे 31
दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त होने का अवसर भी प्रदान कर दिया जबकि गौर
करने वाली बात हैं की उक्त चन्दन सरकार की शैक्षणिक संबंधी योग्यता प्रमाण पत्रों
में जन्म तिथि 02.12.1957 ही थी जो सही हैं इस प्रकार उक्त व्यक्ति 3
वर्ष तक अधिक नौकरी करने में सफल भी हो गया । श्री
द्विवेदी ने यह भी बताया कि कोल इंडिया एक सार्वजनिक उद्योग है जिसमें पब्लिक का
पैसा लगा हुआ है और इस प्रकार भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी मिलकर इस कंपनी में लूट
मचा कर रखे हैं किंतु जब भी उक्त फर्जीवाड़े के विरुद्ध पीएम पोर्टल में कोई
शिकायत करते हैं तो प्रबंधन द्वारा यह बताया जाता है कि किसी भी प्रकार का विवाद
केवल वह एडमिन के माध्यम से सुनता है स्वतंत्र नागरिकों को इस प्रकार की शिकायत
करने का कोई अधिकार नहीं है? हम ने देखा हैं की स्थानीय हरिजन आदिवासी व स्थानीय
नागरिक जो छोटे-छोटे पदों पर नियुक्त होकर वहीं से सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं
जबकि भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से आए हुए अयोग्य व्यक्ति बड़े-बड़े पदों पर
पदोन्नति पाकर वर्षो से जमे रहते हैं जिससे नए लोगों को पदोन्नति का अवसर प्रदान
नहीं हो पा रहा है श्री द्विवेदी ने यह भी बताया कि उसके द्वारा उक्त भ्रष्टाचार
के विरुद्ध लगातार अपनी आवाज उच्च अधिकारियों तक वे पहुंचाते रहेंगे चाहे प्रबंधन
के लोग उन्हें सहयोग करें या न करें वह भ्रष्टाचार को बेनकाब करके ही रहेंगे |
- प्रधान संपादक -सिरिल दास ....
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