मनेंद्रगढ़ पुलिस की मर्दानगी को चैलेंज कर जुआ फड़ एवं कबाड़ संचालक उड़ा रहे खिल्ली...बता रहे बड़े अधिकारी से है सेटिंग ||Chhattisgarh Lions||
विगत दिनों
अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने तेज तर्रार सरगुजा रेंज के आईजी डांगी साहब द्वारा
जारी फरमान के पश्चात बड़ी जोश गर्मी के साथ कड़ा रुख बदलते हुए छत्तीसगढ़ के डीआईजी
डीएम अवस्थी साहब ने भी उक्त दिशा में कठोर कदम उठाते हुए बड़ा फरमान जारी किया था
लेकिन सूत्रों के अनुसार उक्त फरमान का अपराधिक गतिविधियों से संलिप्त लोगों में कोई
असर दिखाई नहीं दे रहा है| उक्त संबंध में सूत्रों के अनुसार पुलिस के किसी बड़े अधिकारी
द्वारा उक्त अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों को संरक्षण दिए जाने की वजह से ही
आज मनेन्द्रगढ़ पुलिस के हाथ बंधे और कदम थमे से नजर आ रहे हैं जिसका जीता जागता प्रमाण
जैसे मनेंद्रगढ़
क्षेत्र में कबाड़ के धंधे की जड़े इतनी गहरी हो गई है की स्थानीय पुलिस कोई कार्यवाही
नहीं कर पा रही है। ऐसा नहीं है कि पुलिस प्रशासन को कबाड़ी और और उनके अड्डों का पता
नहीं लेकिन न जाने क्यों पुलिस उक्त कबाड़ संचालको पर हाथ डालने से कतराती नजर आती है।
मिली जानकारी के अनुसार मनेंद्रगढ़ और कोयलांचल क्षेत्र में लगभग एक दर्जन कबाड़ी सक्रिय
हैं जो बाकायदा गोदाम तक खोल रखे है। कहने को तो वह पुराने रद्दी पेपर और गत्ता का
काम करते हैं लेकिन सच्चाई उसके उलटे है। मनेंद्रगढ़ क्षेत्र जो आसपास के कालरियों
से घिरा हुआ है जहां व्यापक पैमाने पर लोहा मौजूद है यही कारण है कि क्षेत्र में एक
दर्जन से भी ज्यादा कबाड़ की दुकानें सजी हुई हैं। राष्ट्रीय राज्य मार्ग में ही दो
दुकाने, रेलवे फाटक के पास एक, अहमद कॉलोनी में एक, झगराखाण्ड में दो एवं अन्य जगहों
पर दुकान खुली है जहां कबाड़ की आड़ में लोहे की खरीदी धडल्ले से हो रही है। ऐसा नहीं
है की पुलिस कार्यवाही नहीं करती। शिकायत मिलने के बाद छोटे कबाड़ियों पर ही कार्यवाही
कर देना उक्त धंधे को जड़ से समाप्त नहीं करेगा। चिरमिरी निवासी चाचा उक्त गोरखधंधे
का मास्टर माइंड है जिसकी शह पर क्षेत्र में कबाड़ का धंधा चरम पर है| वहीँ मनेन्द्रगढ़
क्षेत्र के ग्राम चौघडा,पुरानी बस्ती,ईसाई समुदाय कब्रिश्तान मौहारपारा,चंवारीडांड
आदि जगहों पर अक्सर जुआरियो का जमावड़ा लगा रहता है जो आये दिन अश्लील बाते बोल-बोल
कर गन्दी- गन्दी गालिया देते है जिससे उक्त क्षेत्र का वातावरण काफी ख़राब हो चूका
है नई जनरेशन में रूपये/पैसे जीतने की होड़ सी मची हुई है जो हार-जीत का दाव लगाने
अपने घरो से पैसो की चोरी भी करते है उक्त वजह से उनके घरो में हमेसा कलह बना रहा
है शहर के गली नुक्कड़ओं
पान ठेला चाय दुकानों
बाजार हाट
चौक-चौराहों जैसे सार्वजनिक
जगहों पर मनेन्द्रगढ़ पुलिस को चैलेंज कर जुआ फड़ एवं कबाड़ संचालको द्वारा बड़ी दिलेरी दिखाते हुए बोला जाता है कि कोई मीडिया जुआ और कबाड़ के विषय में
जितना भी समाचार छापे मनेन्द्रगढ़ पुलिस की हिम्मत नहीं जो हमें पकड़ सके मनेन्द्रगढ़
पुलिस हमारा कुछ भी नहीं कर सकती हम लोगों की पुलिस के
बड़े अधिकारियों से सेटिंग है वे सभी लोग
पैसा लेते हैं बिके हुए हैं इस प्रकार की बातें बोलकर वे मनेन्द्रगढ़ पुलिस को भीगी बिल्ली निकम्मा बता खिल्ली उड़ाते नजर आते हैं| जो मनेंद्रगढ़
पुलिस के सामने एक चुनौती भरा सवाल खड़ा है कि आखिर ऐसा कौन पुलिस का बड़ा अधिकारी है जो ऐसे
अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों को क्रमवार संरक्षक देते आ रहा है| अब देखना ये है कि मनेन्द्रगढ़ पुलिस उक्त जुआ फड़ एवं कबाड़
संचालकों को गिरफ्तार कर उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस के बड़े अधिकारी का नाम उगलवा
पाती है या फिर शर्मिंदगी झेलते
हुए सुर्खियों में बनी रहेगी
- प्रधान संपादक- सिरिल दास की कलम से
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