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KORIYA BREAKING :: D.M.F से बकरी पालन योजना के नाम पर शासन को 19 लाख रुपयों का लगाया चूना... 3 माह के अंदर लगा ताला



कोरिया जिला के अंतर्गत ग्राम पंचायत लाई में जिला खनिज न्यास (डी एम एफ) से 19लाख216 रुपए की लागत से बकरी यूनिट स्थापित किया गया था जो करीब 3 महीने संचालन के बाद से ताला बंद पड़ा है वहीं शेड, बोरिंग समेत आदि संसाधन रद्दी पड़े हैं इसके अलावा उक्त यूनिट में रखी गई बकरियां किसी गंभीर बीमारी से मरी हैं बताया जा रहा है कि वर्ष 2017 से वर्ष 2018 में सरस्वती स्व सहायता समूह लाई विकासखंड मनेन्द्रगढ़ में बकरी पालन हेतु यूनिट निर्माण के लिए 19 लाख 216 रुपये की स्वीकृति दी गई थी जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र सलका बैकुंठपुर के मार्फत यूनिट शेड,गोदाम समेत अन्य भवनों का निर्माण कराया गया था जिसमें राजस्थान से उत्तम नस्ल प्रजाति (सिरोही) क्रय किये  गए 38 बकरी और दो बकरे वहीं महिला समूह के अनुसार वर्ष 2018 के दिसंबर महीने में उक्त बकरियां और बकरे लाए गए थे और उसी दौरान यूनिट में पहुंचने से पूर्व ही कुछ बकरियां मर गई जिसमें बचीखुची बकरियां-बकरे विगत दिनों के बाद वह भी क्रमवार मरने लगे इसके साथ तीन माह के अंदर उक्त बची बकरियां और बकरे सभी मर गए जबकि उक्त बकरे बकरियों की देखभाल करने समूह को बड़ी मेहनत करनी पड़ी थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ हम आपको बता दें सोन कुंवर अध्यक्ष सरस्वती स्व सहायता समूह के कथानुसार इस प्रकार से शासन के राजस्व को किस कदर बंदरबांट किया गया जानबूझ कर जाड़े के दिनों में 38 बकरियां और दो बकरे लाई गई जो फॉर्म हाउस पहुंचाने से पूर्व कुछ बकरियां मर गई के पश्चात एक के बाद एक लगातार बकरियों के मरने का रेला लग गया इस समय उक्त बकरी यूनिट बेकार खंडहर में तब्दील पड़ा चीख-चीख कर भ्रष्टाचार का बयां कर रहा है गांव के ग्रामीण पशु पालकों ने बताया छत्तीसगढ़ राज्य की बकरियां उधमिता विकास योजना से भी 30 बकरियां और दो बकरे मिलते हैं उक्त हिसाब के तहत उधमिता योजना के 19 हितग्राहियों के अनुरूप राशि डी एम एफ से एक समूह के नाम पर किस वजह से क्या स्वार्थ था जो खर्च कर दिए डी एम एफ से स्वीकृत राशि बकरी पालन फार्म बनाने के बाद उक्त ऋण को चुकाने का कोई परेशानी नहीं है जबकि बकरी उधमिता विकास योजना के तहत बकरी पालन करने पर कर्ज चुकाना पड़ता है?? कारण कि उधमिता विकास की राशि सीधे बैंक के जरिए मिलती है और यही कारण है कि अधिकारियों की मिलीभगत से डी एम एफ की बड़ी राशि खर्च कर दी गई वह जाँच का विषय है लेकिन इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं प्रकरण से संबंधित जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही न करके कुम्भकर्णी सो कर भ्रष्टाचार को दे रहे बढावा अब बकरी पालन फार्म बंद होने से फिलहाल कर्ज चुकाने की चिंता किसी को नहीं है लेकिन डी एम एफ से 19 लाख216 रुपये की भारी क्षति शासन प्रशासन को झेलना अवश्य पड़ेगा|


  • संपादक - सिरिल दास की कलम से - छत्तीसगढ़ लायंस न्यूज़ 
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