- आस्वासन के बाद भी नही हो रही मांग पूरी, न शिकायतों में हो रही कार्यवाही
भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध ठेका कर्मचारी मजदूर संघ एक बार फिर आंदोलन करने के
लिए बाध्य हो रही है। पिछले कई वर्षों से ठेका कर्मचारी मजदूर संघ 33/11केव्ही उपकेंद्रों
में कार्यरत ठेका परिचालकों को उनकी योग्यता आईटीआई के आधार पर कुशल श्रेणी की मांग
करते आ रहे है। जिसके लिए मजदूर संघ द्वारा विभाग में कई बार ज्ञापन देकर प्रबन्धन
के साथ बैठक कर समस्या के निदान हेतु चर्चा किया गया किन्तु संघ को प्रबंधन द्वारा
अस्वासन दिया जाता रहा किन्तु समस्या बनी की बनी रही जिससे संघ के लोगो को मायूसी ही
हाथ लगी ।15 मई 2020 को कुशल श्रेणी के मांग को लेकर मजदूर संघ ने हड़ताल का आव्हन किया
था, जिसमे विभाग ई.डी ओएण्डम ने ठेका कर्मचारी मजदूर संघ के पदाधिकारियो को 14 मई
2020 को बैठक में बुलाकर जल्द ही मांगो को पूरा करने का विश्वास दिलाया था। जिस
वजह से उक्त हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन तीन माह के बाद भी किसी प्रकार
की कार्यवाही मांग को पूरी करने उक्त संदर्भ में नही किया गया उक्त वजह से समस्त कर्मचारियो
में प्रबंधन के प्रति आक्रोश व्याप्त है। ठेका कर्मचारी मजदूर संघ के महामंत्री श्री
दिनेश कुमार साहू द्वारा दिनाँक 16 जुलाई को पुनः चेयरमेन श्री सुब्रत साहू को पत्र
भेज कर मांग को जल्द ही पूरी करने निवेदन किया गया था, परन्तु एक माह
बीत जाने के बाद भी उक्त दिशा में उनके द्वारा भी कोई कार्यवाही नही किये जाने पर पुनः
चेयरमेन श्री सुब्रत साहू को 17 अगस्त को पत्र भेजा गया है जिसमे अब संघ द्वारा अंतिम
30 अगस्त तक का समय दिया गया। इसके बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नही किया जा रहा
है।
- छत्तीसगढ़ में है 1200 से अधिक उपकेंद्र, उक्त सभी जगह पर है ठेका परिचालक
एक नजर से देखा जाए तो विद्युत संचालक का सबसे बड़ी जिम्मेदारी 33/11 केव्ही ठेका
परिचालकों की है, क्यों कि उपकेंद्र में परमिट देने, A-B स्विच काटने-जोड़ने, कम्प्लेन लिखना, लोड सेटिंग करना, लाइन टेस्ट करना
इत्त्यादी कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारी ठेका परिचालकों की ही होती है । इसका सबसे
बड़ा कारण विभाग में नियमित कर्मचारियो की कमी के कारण किसी भी उपकेंद्रों में नियमित
कर्मचारियो की व्यवस्था नही है।
- सम्पूर्ण कार्य के बाद भी पद सहायक और वेतन अर्धकुशल में
ठेका कर्मचारी मजदूर संघ का मानना
है कि जब ठेका परिचालकों से उपकेंद्र का सम्पूर्ण कार्य लिया जाता है तो उनको सहायक
क्यों कहा जाता है ?? और अर्धकुशल में वेतन किया जाता है। जबकि उक्त सभी कार्यो के
लिए ठेका परिचालक अधिकृत ही नही है। जिसका सबसे बड़ा सबूत जब ठेका परिचालकों के साथ
उक्त कार्यो के दौरान किसी भी प्रकार की घटना होती है तो बड़े अधिकारी अपना हाथ खड़ा
कर पल्ला झाड़ लेते है, लेकिन जब ठेका परिचालकों द्वारा उक्त कार्य को करने से मना किया जाता है तो उन्हें
कार्य से निकालने के लिए धमकी दी जाती है।
- ठेकेदारो की शिकायत पर कोई कार्यवाही नही निडरता से ठेका परिचालको का भरपूर शोषण करते है
ठेकेदारो की शिकायत विभाग में हमेशा जाती रहती है लेकिन किसी भी ठेकेदार के ऊपर
आज तक कड़ी कार्यवाही नही की गयी है, जिस वजह से ठेकेदार अपनी मर्जी मुताबिक
वेतन, EPF, मेडिकल, बोनस आदि का भुगतान करते है । वे शासन-प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन किसी
भी प्रकार से नहीं करते है।
- मांग पूर्ण नही होने पर 30 अगस्त के बाद होगा बड़ा आंदोलन
दिनाँक 30 अगस्त 2020 तक का समय विभाग को पत्र के माध्यम से ठेका कर्मचारी मजदूर
संघ के ओर से दिया गया है इसके बावजूद यदि मांग पूरी नहीं करते है तो ठेका कर्मचारी
मजदूर संघ प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगी।
- संपादक की कलम से - सिरिल दास
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