अयोग्य व्यक्ति को सौंपा प्राचार्य पद का प्रभार जिसे RTI का नहीं हैं ज्ञान... शासन सहित जनप्रतिनिधि नहीं दे रहे ध्यान...
एवं उक्त महोदय कई तरह के भ्रष्टाचार में शामिल होना भी बताये गए हैं उक्त वजह से वास्तविकता से अवगत होने उक्त शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेंद्रगढ़ में प्राचार्य पद के प्रभार पर पदस्थ उक्त शुक्ला जी के संबंध में आरटीआई के तहत जानकारी मांगे जाने पर उक्त शुक्ला जी भ्रष्टाचार उजागर होने के डर से उनके पसीने छूटने लगे| हम आपको बता दे की अक्सर यह देखा गया है कि किसी भी विभाग में आरटीआई आवेदन प्रवेश होते ही उक्त विभाग में बड़ी हलचल मच जाती हैं और कुछ भ्रष्टाचारियों की तो पतलून तक गीली हो जाती है शायद ऐसा ही आलम हुआ हो यह कहा नहीं जा सकता लेकिन इस तरह का कुछ तो असर हुआ होगा जो उक्त जानकारी न देकर आरटीआई की धारा 8(i)j का हवाला देकर उक्त शुक्ला जी प्राचार्य प्रभारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए दिनांक 09.07.2021 को पत्र जारी कर अवगत कराया उक्त पत्र के पठनोंउपरांत ज्ञात हुआ कि उक्त शुक्ला जी को आरटीआई कानून का ठीक तरह से ज्ञान नहीं हैं कारण कि उन्होंने जो पत्र जारी किया उक्त पत्र में नियमानुसार आवेदक को संतुष्टि न होने पर प्रथम अपील करने हेतु प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम, पदनाम, संपूर्ण पते, दूरभाष, मोबाइल नंबर, ईमेल का उल्लेख तक नहीं किया और तो और उक्त पत्र के अंत में प्रचार प्रभारी एवं डिफेक्टो जन सूचना अधिकारी लिखना भी उन्होंने जरूरी नहीं समझा जो महत्वपूर्ण है इस प्रकार आनन-फानन में आधा अधूरा पत्र जारी कर उन्होंने अपनी योग्यता का परिचय स्वयं दे दिया कि वह प्राचार्य पद प्रभारी के योग्य ही नहीं है जिसे आरटीआई नियमों का ज्ञान ही नहीं तो कैसे उक्त आयोग व्यक्ति को प्राचार्य समझा जाए जिसे लेटर में अपना वास्तविक पद प्रचार प्रभारी लिखना तक नहीं आता हो उसे कैसे प्राचार्य पद का प्रभार सौंपा गया जिससे शासन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं इसलिए शासन को उक्त त्रुटियों में सुधार कर तत्काल उक्त शुक्ला जी को प्राचार्य पद के प्रभार से हटा कर उक्त शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेंद्रगढ़ में प्राचार्य की नियुक्ति कराये जाने कार्यवाही करना चाहिये जिससे शिक्षा विभाग कलंकित होने से बच सकें |
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