पॉजिटिव आने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मी ने मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा पर की कोरोना जांच... जिम्मेदार कौन ???
एक ओर पूरा विश्व जहां वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर कोरिया जिले में उक्त वैश्विक महामारी को नजरअंदाज किया जा रहा है। कारण की छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित घुटरीटोला बैरियर में आने-जाने वाले लोगों की जांच करने हेतु ड्यूटी पर लगाये गए 1 स्वास्थ्य कर्मी के कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के पश्चात् भी उक्त कोरोना पॉजिटिव स्वास्थ्य कर्मी पर शायद अधिकारियों द्वारा दबाव के चलते ही उक्त स्वास्थ्य कर्मी वहां लोगों की कोरोना की जांच करता रहा तथा मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा स्थित घुटरीटोला बैरियर में स्वास्थ्य कर्मी के तौर पर प्रवीण सिंह नामक स्वास्थ्य कर्मी की ड्यूटी अनुविभागीय अधिकारी (रा०) द्वारा लगाई गई थी । उक्त दौरान उक्त कर्मचारी वहां पर बैरियर में आने-जाने वाले लोगों की जांच करता रहा। लेकिन 19 अप्रैल को सुबह जब उसकी तबीयत खराब लगने लगी तो उसने फिर से बैरियर में ही अपनी जांच स्वम करवाई तो उसकी जांच कोरोना पॉजिटिव आई तब उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेन्द्रगढ़ भेजा गया जहां उसकी जांच करने के पश्चात् उसे कोरोना पॉजिटव पाया गया।
- सरकार की रिपोर्ट पर प्रश्नचिन्ह
जब छत्तीसगढ़ सरकार की स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट में उक्त स्वास्थ्य कर्मचारी की रिपोर्ट 19 अप्रैल 2021 को कोरोना पॉजिटिव बताई गई तो आखिर फिर 20 अप्रैल 2021 की दोपहर करीब 2:30 बजे स्वास्थ्य अमले को किसके कहने पर उक्त स्वास्थ्य कर्मचारी की कोरोना वायरस जांच करने के लिए भेजा गया और जब स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह मालूम है कि प्रवीण सिंह नामक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव है तो बगैर पीपीई किट पहने स्वास्थ्य विभाग के कर्मी जांच करने क्यों पहुंच गए।
- 19 अप्रैल को पॉजिटिव फिर 20 अप्रैल को जांच
- जांच पर सवाल
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित घुटरीटोला बैरियर में जांच के नाम पर बरती जा रही बड़ी लापरवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर घुटरीटोला बैरियर में की जाने वाली जांच विश्वसनीय नहीं है तो वहां पर स्वास्थ्य अमले को लगाकर क्यों जांच करवाई जा रही है। जब 19 अप्रैल को उक्त स्वास्थ्य कर्मी प्रवीण सिंह की घुटरीटोला बैरियर में हुई जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव और यदि उक्त जांच विश्वसनीय है तो बार-बार उक्त कर्मचारी की जांच क्यों करवाई गई और उक्त जांच में पूरा रिपोर्ट पॉजिटिव आई उसके बाद उसे वहां ड्यूटी में लगाकर लोगों की जान से खिलवाड़ करने का अधिकार आखिर किसने दिया ऐसे तमाम अनुत्तरित प्रश्न है जिसके जवाब के लिए जब हमने अनुविभागीय अधिकारी (रा०) मनेन्द्रगढ़ से चर्चा करने हेतु फ़ोन लगाया गया तो उन्होंने फ़ोन उठाना जरुरी नहीं समझा और कही पर उन्हे यह कहते सुना गया की यह इतना बड़ा इशू नहीं है तो आखिर बड़ा इशू कब होगा यह कौन बताएगा ??
- स्वास्थ्य कर्मी देता रहा तबियत खराब होने का हवाला
कोरोना जैसे गंभीर मामले में जब प्रवीण सिंह नामक कर्मचारी बार-बार अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देता रहा और तो और उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त कर्मी को कोविड-19 में ड्यूटी से बचने के लिए झूठ बोला जाना बताया गया। अगर उसके द्वारा झूठ बोला जा रहा है तो कैसे जांच में वह पॉजिटिव आया ?? । फिर उक्त कर्मचारी को वहां ड्यूटी में भेजकर लोगों की जान से खिलवाड़ करने का अधिकार उक्त स्वास्थ्य कर्मी को किसने दिया।
- वर्जन
प्रवीण सिंह
स्वास्थ्य कर्मी
ये इतना बड़ा इशू नही है। एक दिन वो स्वास्थ्य कर्मी नेगेटिव आया है और एक दिन पॉजिटिव आया है शायद। ये मेरा काम नही है। बीएमओ से पूछिए। ड्यूटी मैं लगाई हु। मेरे पास कोई रिपोर्ट नही है। किसी की कोई लापरवाही नही है।
नयनतारा सिंह तोमर
एसडीएम मनेन्द्रगढ़
- प्रधान संपादक की कलम से - सिरिल दास
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