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लॉकडाउन , फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर...के रोजी-रोटी का बना संकट

लॉकडाउन , फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर...के रोजी-रोटी का बना संकट

छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलो में लॉकडाउन की वजह से बहुत सारी पाबंदियां अभी भी लागू हैं। उक्त पाबंदियों में धार्मिक रीति-रिवाज, परम्पराएं, मांगलिक कार्यक्रम भी शामिल हैं| उक्त लॉकडाउन के बीच काम नहीं मिलने की वजह से फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर जो पूरी तरह से बेरोजगार हो छुछे पड़े हैं | तथा  उक्त फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर के सामने अपने परिवार का भरण-पोषण करने बेरोजगारी का एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ हैं उक्त जटिल समस्या की वजह से फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं | वही इस लॉकडाउन में न सिर्फ शादियों और धार्मिक कार्यक्रम में सीधा प्रभाव डाला बल्कि फोटोग्राफर भी बेरोजगार हो गए हैं ? छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन अवधि में 800-1000 से ज्यादा शादियां होनी थी | किन्तु लॉकडाउन की वजह से उक्त शादियों में ज्यादातर शादियां टाल दी गई हैं | तो वहीं कुछ ने अपनी आपसी सहमति से लॉकडाउन में बिना फोटोग्राफर व विडियोग्राफर की उपस्तिथि में सादगी से विवाह कर लिया | उक्त दोनों ही परिस्थितियों में फोटोग्राफर्स और विडियोग्राफर पर उसका सीधा प्रभाव देखने को मिला |

 फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर के व्यवसाय पर आर्थिक संकट:-

 जहां पहले से बुकिंग की गई शादियां की तिथि आगे हो जाने से उनका व्यवसाय पहले से काफी प्रभावित हुआ ही था की कुछ लोगो ने बुकिंग को रद्द कर बिना फोटोग्राफर के ही शादी कर ली | जानकारी के अनुसार आमतौर पर एक शादी में एक फोटोग्राफर को 5,000 रुपये से डेढ़ लाख तक का ऑर्डर मिलता है | वहीं पूरे छत्तीसगढ़ में करीब 10हजार से ज्यादा फोटोग्राफर हैं | जिनमें से अधिकांश के खुद की किराए की दुकान भी हैं |

 लॉकडाउन के कारण फोटोग्राफरों का पूरा साल बर्बाद :-

 फ्रीलांस वेडिंग फोटोग्राफरों व वीडियोग्राफर के लिए रोजी-रोटी की समस्या जो दैत्य के समान विकराल रूप धारण किये सामने आ गयी है ।  वही इस कोविड-19 महामारी की वजह से पूरी दुनिया में उद्योग धंधे, व्यापार सब चौपट हो चुके है किन्तु लॉकडाउन खुलने से कुछ स्थितियां सामान्य होने के पश्चात कुछ व्यवसाय तो अपनी पटरी पर वापस लौट आएंगे | लेकिन फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी के व्यवसाय का तो मानो एक वर्ष के लिए ग्रहण ही लग गया हो ।  आज के समय छत्तीसगढ़ में फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी व्यवसाय मुख्यतः शादी ,ब्याह जैसे बड़े आयोजनों पर ही निर्भर है और शादियों का मुहूर्त मार्च-अप्रैल और मई माह में ही थे | इन्हीं माह के व्यवसाय से फोटोग्राफी व्यवसाय को अपने पूरे वर्ष का खर्च निकालना होता है | लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण के बचाव के कारण अब उक्त आयोजनों को स्थगित कर दिया गया है और लॉक डाउन  के बाद भी जो भी आयोजन होंगे वह छोटे और कम रूप से होंगे | ऐसे में फोटोग्राफर/वीडियोग्राफर को काम अगले वर्ष के सीजन में ही मिलना शायद संभव हो पाएगा ? और तो और आज के इस प्रतिस्पर्धा भरी व्यवसायिक दौड़ में कुछ फोटोग्राफरों ने तो कर्ज पर सामान भी ले रखा है | जिनका उन्हें अब क़िस्त भी देना पड़ेगा जो उनके लिए एक दूभर कार्य है | अगर शासन ने उक्त ओर ध्यान नहीं दिया तो उक्त व्यवसाय सम्पूर्ण रूप से बंद होने के कगार पर आ जाएगा जिससे फोटोग्राफरों को या तो अपना व्यवसाय बदलना पड़ेगा या भूखों मरने की नौबत आ जाएगी और तो और उक्त लोग आसानी से कोई दूसरा व्यवसाय भी नहीं अपना सकते | क्योंकि बाकी वैसे भी आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं |

 

घर का खर्चा निकालना मुश्किल हुआ:-

 

उक्त संबंध में रायपुर के एक फोटोग्राफर ध्रुवा कुमार (ध्रुवा फोटोग्राफी) ने बताया कि उक्त लॉकडाउन के चलते स्थगित हुई शादियां भविष्य में होंगी लेकिन उनमें भी सोशल डिस्टेंसिंग एडवाइजरी का पालन पूरी तरह करनी होगी | यानि ज्यादा लोग शादी में एकत्र नहीं होंगे ऐसे में फोटोग्राफर का व्यवसाय प्रभावित होगा. वहीं दूसरी ओर हुई बुकिंग  भी कैंसिल हो रही हैं | साथ ही साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ फोटोग्राफरो का तो महंगे कैमरा की किस्त, दुकान का किराया और घर का खर्चा निकालना भारी हो गया है|

 लॉकडाउन से चौपट हुआ पूरा व्यवसाय:-

 फोटोग्राफर ध्रुवा जी का कहना हैं कि लॉकडाउन में चौपट हुआ व्यवसाय लॉकडाउन में कुछ छूट मिलने पर भी पटरी पर नहीं आया है और कुछ जगह में स्टूडियो में पहले जहां पासपोर्ट फोटो के लिए लोग आते थे अब तो वह भी आना बंद हो गए हैं| उन्होंने बताया कि फोटोग्राफर के लिए अब अपने व्यवसाय को चलाना एक बड़ी चुनौती बन चुका हैं

 सरकार से लगाई मदद की गुहार:-

 हालत तो अब ऐसे हैं कि उक्त फोटोग्राफर्स को अपना परिवार चलाना लोहे के चने चबाने जैसा बड़ी मुश्किल का विषय बन गया है | छोटे फोटो और वीडियोग्राफर्स के लिए यह एक बड़ी समस्या है | उक्त व्यवसाय से जुड़े हुए पीड़ित लोगों की सरकार से मांग है की सरकार की तरफ से उन्हें भी कुछ आर्थिक मदद मिलनी चाहिए | उक्त आश लगाये बैठे है |


  • प्रिंस शर्मा की रिपोर्ट


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