ईसाई समुदाय के लोग...ईस्टर पर्व मनाते क्यों है ?
हम आपको बता दें
कि आज ही के दिन 4 अप्रैल दिन रविवार को जीसस क्राइस्ट ने मृत्यु को हरा पुनः जिंदा
हो साबित कर दिखला दिया था | वह निष्पाप निष्कलंक थे | इसके बावजूद उन पर झूठे कई
तरह के बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें मृत्यु दंड दी गई थी | किंतु उन्होंने उसका
कोई प्रतिरोध नहीं किया और न ही अपने अपराधियों से बदला लिया | बल्कि उन्होंने कहा
कि हे पिता इन्हें क्षमा कर कि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं ? उक्त दौरान एक
वाक्या यह भी सामने आता है की जब जीसस क्राइस्ट को सूली पर लटकाया गया | उस समय 2 डाकू
भी सूली पर लटकाए गए थे | एक उनकी दायीं तरफ तो दूसरा उनकी बायीं तरफ लटकाया गया था |
उस समय बायें तरफ लटके डाकू ने जीसस क्राइस्ट से प्रश्न कर कहा कि यदि तू परमेश्वर
का पुत्र है तो हमें और अपने आप को बचा ले | उक्त बायीं ओर लटके डाकू की इस तरह बातों
को सुनकर दायीं ओर लटके डाकू ने उससे कहा चुप रह हम तो अपने कुकर्मों की सजा भुगत रहे हैं
? लेकिन इसने तो कोई गुनाह ही नहीं किया है | फिर भी इसे सूली पर लटकाया गया है | अवश्य
यह ईश्वरी पुत्र होगा कहकर उसने जीसस क्राइस्ट से कहा कि हे प्रभु यदि तू स्वर्ग
लोक में जाए तो मेरी सुधि लेना इस पर जीसस क्राइस्ट ने उससे कहा की आज ही तू मेरे
साथ स्वर्ग लोक में होगा ? अब यह एक अहम प्रश्न यहां पर उठता है कि जीसस क्राइस्ट
ने उक्त कुकर्मी डाकू से ऐसा क्यों कहा कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा ?
जबकि उक्त डाकू ने हत्या लूट जैसे कई गुनाह अपराध किए थे | इसके बावजूद जीसस
क्राइस्ट ने उससे कहा कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा | उसका मुख्य कारण
हमें यह देखने को मिलता है कि उक्त डाकू जो कुकर्मी था | उसने अपने गुनाहों को मान
लिया और जीसस क्राइस्ट पर उसने पूरा विश्वास ले आया | जिससे उक्त डाकू के जीवन के
अंतिम क्षण में उसका उद्धार हो गया केवल अपने गुनाहों को मान लेने से और वह पूरी तरह पापों से मुक्त हो गया था | उसे
छुटकारा मिल गया था | इस प्रकार अपने अपराधों को मान लेने से एक डाकू स्वर्ग जा
सकता है तो मैं और आप अपने अपराधों को मान और मन फिराते हुए अपने चाल -चलन
में सुधार लाकर उक्त आदृश्य परमेश्वर जिसने सारी कायनाथ को बनाया है | उसके समक्ष
अपने गुनाहों से तौबा कर उक्त परमेश्वर के साथ स्वर्ग में रहने जगह नहीं बना सकते ?
बना सकते हैं | इसके लिए सबसे पहले हमें अपने आपको पूरी तरह उक्त परमेश्वर के समक्ष समर्पण करना होगा | तब ही हमें हमारे पापों से मुक्ति मिलेगी और परमेश्वर हमें नए जीवन
देंगे | उक्त वजह से ही इसाई समुदाय के लोग जीजस क्राईस्ट पर ईमान लाकर ईस्टर पर्व मनाते है | क्योकि जीजस क्राईस्ट ने कहा की तुम कदापि बदला न लेना और अपने सताने वाले विरोधियों के लिए प्रार्थना करो | और सबसे पहले 'KIND AND POOR' बनो तब ही स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर पाओगे |
- सिरिल दास -प्रधान संपादक की कलम से
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