टीकाकरण में आरक्षण पर प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. अमित मिश्रा का बयान-
1.जिन लोगों की
संक्रमित होने की अधिक सम्भावना है, उनको टीके की खुराक सर्वप्रथम उन्हें लगनी चाहिए
भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के क्यों न हों।
2.टीका का निर्णय
अस्पताल में डॉक्टर करेंगे न कि बंद कमरे में बैठे नेता।
3. कोरोना का सामना राजनीति की जगह विज्ञान के आधार पर हो।
हम आपको बता दे की प्रसिद्ध समाजसेवी एवं बैकुंठपुर विधानसभा के लोकप्रिय नेता डॉ. अमित मिश्रा ने छत्तीसगढ़ सरकार का टीकाकरण में आरक्षण लागू करने के फ़ैसले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जिन लोगों की संक्रमित होने की अधिक सम्भावना है, उनको टीके की खुराक पहले लगना चाहिए चाहे भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के क्यों न हो| उन्होंने यह भी कहा की कोरोना का सामना राजनीति की जगह विज्ञान के आधार पर ही होना चाहिए। इसके आगे डॉ. अमित मिश्रा ने कहा कि संवैधानिक और नैतिक रूप से किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता कि कौन जिये और कौन मरे। उपचार का केवल एक ही आधार होता है जिसे चिकित्सा की भाषा में ट्रीआज़ (Triage) कहा जाता है। वहीँ डॉ. अमित मिश्रा ने कड़े तेवर में कहा कि टीकाकरण में प्राथमिकता का आधार आर्थिक नहीं बल्कि व्यक्ति-विशेष की चिकित्सीय स्थिति ही होनी चाहिए। और उसका आँकलन डॉक्टर ही कर सकते हैं न कि माननीय मुख्यमंत्री।
- यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ कोरिया की रिपोर्ट
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