दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
मनेन्द्रगढ़ रेलवे चिकित्सालय के समीप फिल्टर हाउस प्रांगण में सीनियर सेक्शन इंजीनियर(कार्य)
मनेंद्रगढ़ के अधीन ठेकेदारी के तहत गुणवत्ता विहीन फर्श निर्माण का कार्य करा रेलवे
को लाखों का चूना लगाये जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ लायंस न्यूज़ द्वारा विगत दिनों
समाचार प्रकाशित कर सहायक मंडल अभियंता मनेन्द्रगढ़ को अवगत करा दिया गया था| किंतु
उक्त सहायक मंडल अभियंता मनेन्द्रगढ़ के द्वारा उक्त दिशा में कोई कार्यवाही नहीं करने
का नतीजा जो खुलकर अब सामने आया है, जहां उक्त ठेकेदार अंबिकापुर का है जिसके मुंशी
सुदर्शन पाण्डेय को सीनियर सेक्शन इंजीनियर(कार्य) मनेन्द्रगढ़ द्वारा पूर्ण संरक्षण
देकर क्रमवार तरह-तरह के भ्रष्टाचार करा रेलवे को लाखों का चूना लगवाना जो थमने का
नाम ही नहीं ले रहा है उक्त भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण उक्त ठेकेदार का मुंशी
सुदर्शन पाण्डेय सीनियर सेक्शन इंजीनियर(कार्य) मनेंद्रगढ़ से मिलीभगत सांठगांठ कर
रेलवे कॉलोनी वार्ड नंबर 03 मनेंद्रगढ़ में स्थित रेल आवास क्र० 100/5 को अवैध कब्जा
कर दो-तीन सप्ताह से लगातार निवास करते आ रहा है| वही पूछे जाने पर उक्त मुंशी कहता
है कि ठेकेदार ने उक्त रेल आवास को एलॉटमेंट कराया है जब तक काम खत्म नही होता तब
तक के लिया गया है जिस बारे में उक्त वार्ड क्रमांक 03 के वार्ड पार्षद सपन महतो एवं
कुछ वार्डवासियों व कुछ रेल कर्मचारियों ने बताया कि रेलवे ठेकेदार का मुंशी सुदर्शन
पाण्डेय ने उक्त आवास 100/5 को अवैध कब्जा कर उक्त आवास में कुछ असामाजिक तत्वों का
जमावड़ा लगा शराब खोरी के साथ कभी-कभार बाहर से औरत/लड़की भी लाकर न जाने क्या-क्या
करवाता है|
जिससे इन दिनों रेलवे कॉलोनी का माहौल काफी बिगड़ चुका है, कॉलोनी में असामाजिक
तत्वों द्वारा गाली-गलौच कर शरीफ लोगों से हुज्जतबाजी भी की जाती है| गतिविधिया ऐसी
निर्मित हो चुकी है की उक्त रेल आवास क्र० 100/5 में रेप या आत्महत्या जैसी घटना होने
की संभावना बनी हुई है| यह सब जानते हुए भी अगर समय रहते सहायक मंडल अभियंता मनेन्द्रगढ़
उक्त ठेकेदार के मुंशी सुदर्शन पाण्डेय के विरुद्ध कार्यवाही कर उक्त आवास क्र०
100/5 से उसे तत्काल निकल बाहर नहीं कराते है और यदि कोई भी गंभीर घटना घटती है, तो
उसका जिम्मेदार लोग सहायक मंडल अभियंता मनेन्द्रगढ़ को ठहरा रहे हैं | हम आपको बता
दे की इस प्रकार रेलवे कॉलोनी में उत्पन्न हो रही गतिविधियों से लोग काफी हद तक
परेसान हो चुके है और जिससे रेलवे की छवि भी घूमिल हो रही है जिसके विरुद्ध रेलवे
के उच्च अधिकारियो को कठोर कार्यवाही करना चाहिए लेकिन यहाँ पर पदस्त अधिकारी बड़े
ठंडे पड़े लकवा ग्रस्त दिखाई दे रहे है |
- सिरिल दास की कलम से
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