नोटिस जारी कर गीदड़ बना रेल प्रशासन... आवास क्र० 22/2 को खाली कराने नहीं दे पा रहा मर्दानगी का परिचय... साड़ी, चूड़ी नथनी, कर रही इंतजार...
सूत्रों द्वारा
वर्तमान में दी गई जानकारी के अनुसार केंद्रीय विद्यालय रेलवे परिक्षेत्र
मनेंद्रगढ़ से दिनांक 11.11.2020 को सेवानिवृत्त हुई शिक्षिका
आशा सोनी उर्फ़ आशा वर्मा, पति अविनाश वर्मा जो अपने सेवानिवृत्त के विषय में सही
जानकारी न देकर कभी कहती 01 मार्च 2021 तो कभी 01 अप्रैल 2021 बता कर सभी को गुमराह करती आ रही है जबकि
वास्तविकता यह है कि उक्त शिक्षिका की जन्म तिथि 11.11.1960 बताई जा रही है के अनुसार वह दिनांक 11.11.2020 को ही सेवानिवृत्त होने के बाद उक्त विद्यालय के प्राचार्य
प्रभारी श्री वाई.के. सोलंकी या केंद्रीय विद्यालय संगठन रायपुर के किसी
भ्रष्टाचारी से मिलीभगत सांठगांठ कर उक्त विद्यालय में ही विधिविपरित पार्ट टाइम
जॉब कर रही थी उक्त भ्रष्टाचार का भांडा आरटीआई के तहत फूटा तब बदनामी के डर से
केंद्रीय विद्यालय रेलवे परिक्षेत्र मनेन्द्रगढ़ के प्राचार्य प्रभारी वाई.के.
सोलंकी को अपनी गलती का एहसास होने पर उन्होंने तत्काल उक्त आशा सोनी उर्फ आशा
वर्मा सेवानिवृत शिक्षिका को पार्ट टाइम जॉब से तत्काल हटाकर राहत की सांस ली कारण
कि उक्त महोदय के द्वारा विधि विपरीत पार्ट टाइम जॉब हेतु बिना कोई नोटिस चस्पा
किए किए और न ही समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए ही गोपनीयता बरतते हुए उक्त सर्वसंपन्न
सेवानिवृत शिक्षिका आशा सोनी उर्फ आशा वर्मा जिसके कोई संतान ही नहीं है उसे पार्ट
टाइम जॉब दिया गया था जबकि उक्त जॉब किसी मजबूर बाल-बच्चेदार शिक्षित बेरोजगार को
दिया जाना था जो रोजगार हेतु बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर दर-दर की ठोकरें खाते मारे
मारे फिरते नजर आते हैं अब उक्त सेवानिवृत्त शिक्षिका द्वारा किया गया एक और
भ्रष्टाचार खुलकर सामने आया है कारण कि उक्त सेवानिवृत शिक्षिका आशा सोनी उर्फ आशा
वर्मा ने अपने सेवानिवृत्त होने की सूचना रेल प्रशासन को न देकर उक्त रेल आवास
क्रमांक 22/2 को अवैध कब्जा कर अजगर को मात दे अनाकोंडा की तरह उक्त रेल आवास को जकड़ रखी 7-8 महीने से खाली करने का नाम ही नहीं ले रही
जैसे उसने पट्टा बनवा लिया हो या उसकी बपौती हो, उक्त शिकायत डीआरएम बिलासपुर से
करने के पश्चात स्थानीय रेल प्रशासन हरकत में आ कर उक्त रेल आवास क्रमांक 22/2 को सात दिवस के
अंदर खाली करने दिनांक 24.07.2021 को नोटिस जारी कर दिया गया हैं ऐसा बताया जा
रहा हैं| किंतु अब सात दिवस व्यतीत हो जाने के पश्चात भी उक्त सेवानिवृत्त शिक्षिका
आशा सोनी उर्फ आशा वर्मा उक्त रेल आवास क्रमांक 22/2 को खाली करने का नाम ही नहीं ले रही जबकि कई रेल
कर्मचारी बेघर पड़े हैं जो उक्त रेल आवास क्र० 22/2 को आबंटित कराने उक्त रेल
आवास के खाली होने का इंतजार कर रहे शायद टाइप-बी रेल आवास की कमी होने के कारण से
ही कल्याण निरीक्षक जयकरण प्रसाद वर्मा को मज़बूरी में प्राइवेट आवास लेना पड़ा वह
सब जानते हुए भी स्थानीय रेल प्रशासन उक्त रेल आवास क्र० 22/2 को खाली कराने अपनी मर्दानगी
का परिचय क्यों नहीं दे पा
रहा ऐसे कई तरह के सवाल उठ रहे हैं डीआरएम ध्यान दें !!!
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