पोल खुलते ही भ्रष्टाचारी स्वयं को बेदाग बता शिकायतकर्ताओ पर लगाते हैं ब्लैकमेलिंग का झूठा आरोप
हम आपको बता दें कि इन दिनों आरटीआई के तहत भ्रष्टाचारियों की एक के बाद एक परत दर परत गुत्थी खुलते ही जा रही है किंतु उक्त भ्रष्टाचारी अपने को बेदाग बताने भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने वालों पर ब्लैकमेलिंग का झूठा आरोप लगाते हुए शाम, दाम, दंड, भेद लगा उक्त सम्मानिय नागरिकों को फसाने के कई तरह के घटिया हथकंडे अपनाने पर उतारू हो जाते हैं| आखिर उक्त भ्रष्टाचारी क्या करें खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे वाली कहावत ठीक इनके ऊपर ही खूब जमती है इसके अतरिक्त उक्त भ्रष्टाचारियों का कोई सम्मान ही नहीं और वे सम्मान की बात करते हुए मानहानि का दावा करने गीदड़ धमकी देकर सच्चाई को दबाने का प्रयास करते हैं| लेकिन शायद उक्त भ्रष्टाचारियों को मालूम नहीं सच्चाई के पहाड़ के सामने झूठ चींटी के बराबर नजर आता है जो लोगों के पैरों तले रौंद दिया जाता है ठीक चींटी की तरह ही भ्रष्टाचारी होते हैं जो सच्चाई के चट्टान से टक्कर लेने की बात करते हैं उन्हें अपनी औकात में रहकर बात करनी चाहिए अन्यथा मानहानि का दावा करना और ब्लैकमेलिंग का झूठा आरोप लगाना उक्त भ्रष्टाचारियो और उनके हिमाइतियो को बड़ा महंगा पड़ सकता है |
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