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चिरमिरी में मौत के बाद भी कम होती... नजर नहीं आ रही परेशानी... जिम्मेदार कौन ???

चिरमिरी में मौत के बाद भी कम होती... नजर नहीं आ रही परेशानी... जिम्मेदार कौन ??? 


कोयलांचल क्षेत्र चिरमिरी में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी कोई नई बात नहीं है.यहां पर शवदाह के लिए या तो मनेंद्रगढ़ से या फिर खंडगवा से संपन्न वर्ग के लोग लकड़ी मंगवा लेते हैं.लेकिन उक्त गरीब परिवार के लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी जुटा पाना बड़ी मुश्किल का विषय बन गया हैं| सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कई बार तो थोड़ी बहुत लकड़ियों के साथ डीजल डालकर शव दाह किया जाता हैं| ऐसे में करीब 20 लाख रुपए की लागत से बिजली से चलने वाले उक्त   शवदाह की स्थापना की गई है लेकिन भला हो चिरमिरी क्षेत्र के कबाडियों का जिन्होंने पहली बार वहां लगी तारों की चोरी कर ली, दूसरी बार मशीन चुरा कर ले गए, ऐसे में लगभग 2 वर्षों से मशीन कबाड़ हो रही है| लेकिन सवाल यह भी  उठता है कि जब 20 लाख रुपए की लागत की उक्त मशीन डोमन हिल मुक्तिधाम में लगाई गई तो उसकी सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए ?  आंखिर उक्त ओर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया? और अब इतना होने के बावजूद भी कोविड-19 जैसी महामारी के इस दौर में उक्त शवदाह मशीन को शुरू करने में स्थानीय जनप्रतिनिधि कोई रुचि किस वजह से नहीं दिखा रहे हैं|

  • यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ कोरिया की रिपोर्ट 


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