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गुड फ्राइडे...पापियों के उद्धार का दिन

गुड फ्राइडे...पापियों के उद्धार का दिन

आज गुड फ्राइडे का दिन पूरे देश ही नहीं पूरे वर्ल्ड के उद्धार का महत्वपूर्ण दिन है | कारण की आज ही के दिन जीजस क्राइस्ट ने क्रूस पर अपनी बलि देकर अपना कीमती रक्त बहाकर पापियों के पाप की कीमत चुकाकर पापियों के प्रति अपना असीम प्यार प्रकट करते हुए साबित कर दिखा दिया | कि वह धर्मियों के लिए नही परंतु पापियों को बचाने के लिए इस दुनिया में मनुष्य के रूप में अवतार धारण कर आए थे | इस प्रकार जीजस क्राइस्ट की उदारता को देखने से महत्वपूर्ण बात सामने आती है | कि जीसस क्राइस्ट ने अपना कीमती रक्त बहाकर मानव जाति के पापों की कीमत चुका दी ऐसा कौन होगा दोस्तों जो दूसरों के लिए अपना रक्त बहाया हो ? दोस्तों पवित्र शास्त्र बाइबल हमें बताती है की जीसस क्राइस्ट सदैव गरीब , निर्धन एवं सताए हुए पीड़ित लोगों के हित में कार्य करते हुए अंधे को आंखें, लंगड़ा को टांगे तथा ला इलाज रोगियों को चंगा कर दुष्ट आत्माओं को निकालते और यहां तक कि मुर्दे को भी जिला देते थे | उसका मुख्य कारण था लोगों का विश्वास | दोस्तों आज विश्वास की कमी के कारण से ही हम असफल होते हैं | उक्त विश्वास के विषय में बाइबल हमें बताती है | कि एक बार जीसस क्राइस्ट के चेले जो पेशे से मछुआरे थे , और वे समुद्र में नाव चला कर मछलियां पकड़ रहे थे . उक्त दौरान जीसस क्राइस्ट उनकी नाव में सोए हुए थे . कि अचानक तेज आंधी और तूफान उठा और समुद्र की लहरों से नाव डूबने लगा तो , वे भयंकर डर कर घबरा गए और जीसस क्राइस्ट को उठाने लगे और बोले कि हम नाश हुए जाते हैं ? और तू सो रहा है ? दोस्तों यह बहुत ही बड़ा प्रश्न था ऐसा प्रश्न उन्होंने खड़ा कर जीसस क्राइस्ट से कहा कि 'हम नाश हुए जाते हैं और तू सो रहा है' जिस पर जीसस क्राइस्ट ने उनसे कहा कि तुम्हारा विश्वास कहां रहा ? और जीसस क्राइस्ट ने उक्त आंधी , तूफान और समुद्र की लहरों को शांत किया | यह देखकर वे अचंभित हो गए और कहने लगे यह कैसा मनुष्य है की इसकी बाते आंधी तूफान और समुद्र की लहरें भी मानती है | अब यहाँ पर उक्त चेलों के विश्वास की कमी को दर्शाता है | की जब उनको मालूम था की उनके साथ प्रभु मौजूद है तो उन्हें पूरा विश्वास रखना चाहिये था | लेकिन वे चेले विश्वास में बड़े कच्चे साबित हुए | दोस्तों आज हमें उक्त अदृश्य परमेश्वर पर विश्वास लाने की जरुरत है | जो सारी पृथ्वी का रचईता है | इसलिए परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र (अर्थात् जीसस क्राइस्ट) को दे दिया | ताकि जो कोई उस पर विश्वास करें वह नाश न हो परंतु अनंत जीवन पाए | दोस्तों आज हमारा देश इस कोरोना जैसे महामारी से जुझ रहा है | वही हमारी सरकार द्वारा उक्त कोरोना से बचाव हेतु तरह-तरह के तरीके अपनाए जा रहे है | इसके बावजूद भी उक्त कोरोना में वृद्धि ही वृद्धि होती जा रही है | दोस्तों उसका मुख्य कारण मेरा मानना है | की आज हमें अपने आपको बदलने की बड़ी सख्त जरुरत है | हम कैसे जी रहे है और हमें कैसा जीवन जीना चाहिये हमसे आये दिन अनेकों छोटी बड़ी गलतियाँ होती रहती है | लेकिन हम उक्त गलतियों में सुधार न लाकर गलतियों पर गलती ही करते जाते है | हमें परमेश्वर का जरा भी डर नही होता लोगों के पास अपार दौलत होते हुए भी वे किसी जरुरतमंद की मदद नही करते और पूरी जिंदगी ऐसो अय्याशी में पाप मय जीवन जीते हुए अंत में नर्क के द्वार तक पहुंच जाते है | लेकिन जीते जी प्रायश्चित नही कर पाते शायद उक्त वजह से ही परमेश्वर का क्रोध इस कोरोना के रूप में भड़क उठा है , अभी भी  वक्त है अपने   आपको बदलने का | मैं  परमेश्वर से  प्रार्थना करता हूँ  की परमेश्वर पिता  अपना क्रोध शांत कर हमारे पापों को  क्षमा करते हुए  इस देश से ही नही  पूरे  वर्ल्ड से इस कोरोना जैसी महामारी को ख़त्म करे | यीशु मसीह 
के नाम से ......आमीन |

  • सिरिल दास -प्रधान संपादक की कलम से

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