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ग्राम पंचायत चनवारीडांड...बना भू-माफियों का अड्डा

ग्राम पंचायत चनवारीडांड...बना भू-माफियों का अड्डा

सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से एक शासकीय शिक्षिका जो शिक्षण कार्यों को छोड़कर भूमि खरीदी बिक्री को अपना पेशा बना चुकी है | अब सवाल यह उठता है कि अगर उक्त शिक्षिका भूमि खरीदी का धंधा कर रही है तो फर्जी तरीके से उक्त शिक्षिका की हाजिरी लगा मुफ्त का उसे वेतन भुगतान करा प्रतिमाह शासन को 50-60 हजार रुपियों का चूना कौन लगवाते  आ रहा है ? यह भी जांच का विषय है ? सूत्र यह भी बताते हैं कि उक्त शिक्षिका का पति भी शासकीय कर्मचारी है लेकिन वह आदिवासी नही है | उसके द्वारा अपनी आदिवासी पत्नी का खूब नाजायज फायदा उठाते हुए उसके नाम पर धड़ल्ले से गरीब आदिवासियों की भूमि बड़े सस्ते दामों में खरीद कर उक्त भूमि को महंगे दामों में गैर आदिवासियों को फर्जी तरीके से आदिवासी बनाकर बिना जाति प्रमाण पत्र के बड़े आसानी से रजिस्ट्री करा लेता है | कारण कि वह राजस्व विभाग के आदिवासी अधिकारियों/कर्मचारियों को अपनी पत्नी का रिश्तेदार बताकर बड़ी आसानी से रजिस्ट्री करा लेता है | यह भी बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत चनवारीडांड के चप्पे-चप्पे में उसने कई प्लाट भी खरीद रखा है | इसके अतिरिक्त भूमि खरीदी बिक्री में कुछ अन्य लोग भी जुड़े हुए है | जो राजस्व संबंधित शासकीय दस्तावेजों को काफी मात्र में अवैध रूप से अपने घरों में रखे हुए है | धीरे-धीरे यह क्षेत्र चनवारीडांड जो भू -माफियों का गढ़ बनता जा रहा है | हम आपको बता दे की यह ग्राम पंचायत चनवारीडांड मा० सविप्रा विधायक गुलाब कमरों जी के क्षेत्र अंतर्गत आता है |

 

  • राजू मिश्रा - नगर प्रतिनिधि की रिपोर्ट

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