कोरिया साहित्य व कला मंच द्वारा...बसंतोत्सव पर आयोजित कवि गोष्ठी
कोरिया साहित्य व कला मंच द्वारा बसंतोत्सव पर
आयोजित कवि गोष्ठी में संस्था की कोषाध्यक्ष,महिला सशक्तिकरण की मुखर कार्यकर्ता और सुख्यात कवयित्री श्रीमती अनामिका
चक्रवर्ती ने गोष्ठी का आगाज करते हुए अपनी रचना पढ़ी "शिव की गंगा मैली नहीं
हुई है
अनंत पापियों के
पाप धोते-धोते
सारे पाप धुल जाते, तो कोई पापी न होता
न कोई पापी होता न
कोई पाप होता"
इसके बाद क्षेत्र के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट और
व्यंग्यकार और संस्था संरक्षक जगदीश पाठक ने तथाकथित संतो पर व्यंग्य करते हुए
अपनी रचना "विद्वान संत" सुनाई इसके बाद संस्था के संस्थापक सदस्य और
नगर के फोटोग्राफर मृत्युन्जय सोनी ने प्रेम की नई परिभाषा गढ़ते हुए कहा
"प्रिय,तुम मुझसे पहले जाना/खुशी-खुशी, मेरे कंधों पर चढ़कर" इसके बाद
क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्यकार गंगा प्रसाद मिश्र ने बसंत पर अपनी कविता सुनाई । इसके बाद वरिष्ठ कवि राजेंद्र गुप्ता ने
अपनी कविता पढ़ी "मेरी जन्मभूमि, मेरी कर्मभूमि/तुझे शत शत नमन"
नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा "आम आदमी होता है, आम नेता नहीं होता कोई" इसके बाद
बासंती रंगों से सराबोर गीत सुनाते हुए कोरिया साहित्य व कला मंच की संयोजक
श्रीमती वीरांगना श्रीवास्तव ने अपनी रचना सुनाई "वातावरण बदल गया/हुआ शीत का
अंत,पीला-पीला है मन,पीला-पीला है बसंत" संस्था की नई
सदस्य और उभरती हुई कवयित्री श्रीमती ज्योतिमाला श्रीवास्तव ने भी अपने गीत से
समां बंधा "गुंजित भ्रमरों ने संदेश सुनाया, देखो रितुराज बसंत आया" इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वरिष्ठ
साहित्यकार श्रवण कुमार उर्मलिया ने फागुनमास की रचना पढ़ी"यह विषपायी जीवन है
फागुनमास/वनकन्या की मादकता भी लगती है मधुमास" इसके बाद गंभीर रचना पढ़ते हुए
कहा "वतन बेजार है बलवाईयों की दहशत से/जिधर देखो बस्तर दिखाई देता है"
शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय के संस्थापक और प्रथम प्राचार्य वरिष्ठ साहित्यकार
सांवलिया सर्राफ ने अपनी सबसे चर्चित रचना से मुग्ध किया "डारन-डारन लद गए
फुलवा/छा गई बसंत बहार रे,देवर जी ने करी
ठिठोली, भाभी हो गई पीली-पीली" इसके बाद
वीरेंद्र श्रीवास्तव ने"पुराने वस्त्रों को समेट, नए कपडों के सेट" सुनाई नगर के
उभरते हुए कवि गौरव ने तथाकथित विकास पर व्यंग्य कसते हुए कहा "मेरे सारे
अपने अलग हो गए/मेरा गांव देखो शहर हो गया" इस अवसर पर श्रीमती अनामिका चक्रवर्ती, श्रीमती वीरांगना श्रीवास्तव, श्रीमती ज्योतिमाला श्रीवास्तव, गंगा प्रसाद मिश्र, श्रवण कुमार उर्मलिया, सांवलिया सर्राफ, वीरेंद्र श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल, राजेंद्र गुप्ता, जगदीश पाठक, मृत्युन्जय सोनी, श्री शर्मा,नारायण तिवारी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित
रहे।
- राजू मिश्रा- नगर प्रतिनिधि की रिपोर्ट
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