Your Ad Here!

संघर्षशील गोंगपा सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम जी 78 वर्ष की उम्र में राजनीती की दुनिया से हुए रुखसत... आदिवासी वर्ग में शोक की लहर ||Chhattisgarh Lions News ||

संघर्षशील गोंगपा सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम जी 78 वर्ष की उम्र में राजनीती की दुनिया से हुए रुखसत... आदिवासी वर्ग में शोक की लहर ||Chhattisgarh Lions News ||

छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए एक बड़ी दुखद खबर आई है जहाँ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम जी का निधन दिनांक 28.10.2020 को शाम करीब 06:30 बजे हो गया। मरकाम जी का बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था तथा वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। उपचार के दौरान दिनांक 28.10.2020 को उनका निधन हो गया। हीरा सिंह मरकाम जो तानाखार विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके थे और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ राजनेताओं में वे शुमार थे आदिवासी वर्ग का चेहरा थे। उनके निधन से छत्तीसगढ़ में शोक की लहर है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक, दिग्गज आदिवासी नेता और पूर्व विधायक लगभग 78 वर्षीय हीरा सिंह मरकाम जो 1990 में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया। राजनेता होने के साथ ही उन्होंने गोंड संस्कृति और सभ्यता को लेकर आंदोलन भी चलाया। हीरा सिंह मरकाम का  जन्म 14 जनवरी 1942 को अविभाजित बिलासपुर जिले अब कोरबा जिला के तिवरता गांव के एक खेतिहर मजदूर किसान के यहां हुआ था। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर प्रथम चुनाव तानाखार विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था, किन्तु उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।लेकिन उनका संघर्ष जारी था वे दूसरे स्थान पर थे एवं द्वितीय चुनाव वर्ष 1985-86 में भाजपा के टिकट से लड़े और पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा में पहुंचे। वहीँ 1990 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का विरोध किया। पार्टी ने स्थानीय के बदले बाहरी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया था। जब पार्टी ने उनकी बात अनसुनी कर दी तो उन्होंने बागी प्रत्याशी के रूप में सामने आकर वर्ष 1990-91 में जांजगीर-चापा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के विरुद्ध चुनाव लाडे लेकिन पुन: उन्हें हार का सामना करना पड़ा तब उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बनाई ।


 

Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment