कोरिया जिला के विकासखंड भरतपुर में पदस्त
नायब तहसीलदार ने आवेश में आकर अपने अधीन कार्यरत कर्मचारी को कह डाला आत्महत्या
करने की बात जिस पर उक्त कर्मचारी ने नायब तहसीलदार पर लगाये गंभीर आरोप ।उक्त
मामला है जहां राजीव प्रधान तहसील कार्यालय भरतपुर जिला कोरिया में डाटा एंट्री ऑपरेटर
( भुइयां शाखा भू-अभिलेख) के पद पर पदस्थ हैं। उक्त पीड़ित को दिनांक 3 सितंबर 2020 को शाम करीब
6:30 बजे तहसील
कार्यालय में पदस्थ भृत्त ने फोन करके पूछा कहां हो? आपको एसडीएम साहब बुला रहे
हैं। पीड़ित का उक्त तिथि को तबियत ठीक न होने की वजह से वह आकस्मिक अवकाश में था उसके
बावजूद पीड़ित राजीव प्रधान एसडीएम साहब के आदेश का पालन करते हुए कार्यालय
पहुंचा।उसी बीच विप्लव श्रीवास्तव ने पीड़ित के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए
अभद्र शब्दों के साथ इस प्रकार की जैसे कि कोई व्यक्तिगत दुश्मनी निकालते हुए
जोर-जोर से चिल्लाते हुए यहां तक कि अपने पद की गरिमा को भूलते हुए चिल्लाकर कहने
लगा कि साले हिंदी टाइपिंग नहीं आती तो मर जा साले जाकर कहीं सुसाइड कर ले तेरे
बारे में बहुत सुना हूं बोल कर अपनी कुर्सी से इस प्रकार उठे जैसे वह मारने की मनसा
बना लिए थे और बोले तू ग्वालियर का है भाग जा साले मेरी नजर से दूर हो जा नहीं तो ड्यूटी
में लापरवाही का आरोप लगा FIR
दर्ज करवा तुझे अंदर करवा दूंगा।इस प्रकार पीड़ित को नायब
तहसीलदार विप्लव श्रीवास्तव के द्वारा कार्यालय में उपस्थित सभी अधिकारियों व
कर्मचारियों के समक्ष भारी अपमानित किया गया और मारने पीटने जैसी बातों की धमकी
देते हुए मरजाने आत्माहत्या करने के लिए कहा गया उनके इस कृत्य से पीड़ित स्वयं को
अपने ही विभाग में अपमानित महसूस कर रहा है।हम
आपको बता दें कि पीड़ित राजीव प्रधान जो लंबे समय से रक्त-चाप व शुगर का मरीज भी
है| वह शारीरिक आराम के लिए आकस्मिक अवकाश में था और इस प्रकार से उसे अपमानित किये
जाने के कारण वह मानसिक एवं शारीरिक रूप से और भी ज्यादा बीमार हो गया है। जिस बात
से पीड़ित के परिवार वालों में डर का माहौल बना हुआ है। दुर्व्यवहार के कारण वह
मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण स्वयं अपमानित महसूस कर रहा है हो सकता
है किसी प्रकार का षड्यंत्र रचकर उनके साथ कुछ किया जा सके मानसिक रूप से
प्रताड़ित किए जाने के कारण प्रार्थी की तबीयत लगातार खराब होती जा रही । के
पश्चात् पीड़ित की रात तकरीबन 1:00 बजे तबीयत कुछ ज्यादा खराब हो जाने के कारण उसे सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां उसका उपचार डॉक्टर पैकरा के द्वारा किया गया| डॉक्टर
ने जांच किया तो B.P 110/180 होकर पल्स रेट 125 बढ़ गया था। कोरोना काल में इस प्रकार के दूरव्यवहार किया
जाना उचित नहीं है।पीड़ित के कथनानुसार यदि इस कोरोना काल के समय उसके साथ कोई
अप्रिय घटना घाट जाती है तो उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा। नायब तहसीलदार
विप्लव श्रीवास्तव के विरुद्ध पहले भी कोटाडोल के 2 अधिवक्ताओ ने इसी तरह का आरोप लगा चुके हैं| उक्त अधिवक्ताओ
का भी आरोप था कि नायब तहसीलदार विप्लव श्रीवास्तव उनके साथ अभद्र व्यवहार कर गाली
गलौज किया था वर्तमान में आई दूसरी घटना को लेकर सभी कर्मचारी डरे हुए हैं और अपने इस तरह के व्यवहार के कारण लगातार सुर्खियों में
रहते हैं।
- यीशै दास की रिपोर्ट - जिला ब्यूरो चीफ
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