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प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने सहयोग के लिये बढाया हाथ... एक परिवार को दिया सहारा

प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने सहयोग के लिये बढाया हाथ... एक परिवार को दिया सहारा...

वैश्विक महामारी कोरोना ने कई घरों को उजाड़ दिया। इस बीमारी से कई लोग अपनों से दूर हो गये और कई परिवारों पर तो मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। एक ऐसा ही परिवार मनेन्द्रगढ़ में भी है जिसकी जानकारी मिलने के बाद प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने उनकी मदद करने के लिये अपना सहयोग दिया। एक समय था जब यह छोटा परिवार मेहनत के दम पर अपना एवं अपने बच्चो का पालन पोषण करता था, मगर इस परिवार के मुख्य सदस्य की कोरोना की चपेट में आने से असमय मृत्यु हो गई और देखते ही देखते इस परिवार पर दुखों का सैलाब उमड़ पड़ा। मनेन्द्रगढ के मनी मोहल्ले में निवासरत संध्या सिंह जिनके पति की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है संध्या सिंह जो स्वयं भी कोरोना पीड़ित थी और उन्हें ग्लुकोमा की बीमारी है जिसके कारण इस महिला को आँखों से 80 प्रतिशत दिखाई नहीं देता है।वैश्विक महामारी कोरोना ने कई घरों को उजाड़ दिया। इस बीमारी से कई लोग अपनों से दूर हो गये और कई परिवारों पर तो मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। एक ऐसा ही परिवार मनेन्द्रगढ़ में भी है जिसकी जानकारी मिलने के बाद प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने उनकी मदद करने के लिये अपना सहयोग दिया। एक समय था जब यह छोटा परिवार मेहनत के दम पर अपना एवं अपने बच्चो का पालन पोषण करता था, मगर इस परिवार के मुख्य सदस्य की कोरोना की चपेट में आने से असमय मृत्यु हो गई और देखते ही देखते इस परिवार पर दुखों का सैलाब उमड़ पड़ा। मनेन्द्रगढ के मनी मोहल्ले में निवासरत संध्या सिंह जिनके पति की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है संध्या सिंह जो स्वयं भी कोरोना पीड़ित थी और उन्हें ग्लुकोमा की बीमारी है जिसके कारण इस महिला को आँखों से 80 प्रतिशत दिखाई नहीं देता है।इस पुरे सहयोग मे प्रबल स्त्री फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ रश्मि सोनकर, शीला सिंह, प्रतिमा प्रसाद, प्रियंका राय, हीरा सिंग और अनामिका चक्रबर्ती का सहयोग शुरु से अंत तक मिला और 11 हजार 100 रुपये की राशि जमा हुई, जो संध्या सिंह को मदद के रूप में दिया गया।इस मौके पर संध्या सिंह ने कहा कि जिस तरह से प्रबल स्त्री फाउंडेशन की दीदी लोगो का सहारा मिला है अब तक किसी भी जनप्रतिनिधियों ने हमारे एवं बच्चो की सुध लेने की कोशिश ही नही की और ना ही कोई सहयोग मिला। दानदाता के रूप में वीर सोनकर, रचना दुबे, परमानंद माली, अनामिका चक्रबर्ती, यशोदा सोनकर, वसुधा मिश्रा, जवाबर सोनकर, और गुप्त दानदाताओं ने भी सहयोग किया|

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