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Koriya Breaking :: अख्तर जावेद उस्मानी पर छत्तीसगढ़ लायंस न्यूज़ के संपादक सिरिल दास ने साधा निशाना



ऑल इंडिया लिमिटेड सेफ्टी बोर्ड के मेंबर प्रतिनिधि सेक्शन 12 के अधीन गठित कमेटी के सदस्य एवं हिंद मजदूर सभा के उप महामंत्री अख्तर जावेद उस्मानी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अपने ऊपर लगाए गए आरोपों के संबंध में सफाई देते हुए अपने को बेदाग क्लीन चिट बताया साथ ही उन्होंने यह भी कथन कर जानकारी देते हुए कहा की एसईसीएल हसदेव क्षेत्र में 2करोड़ 6लाख रूपये के टेंडरो में हुए फर्जीवाड़ा के विरुद्ध आवाज उठाकर शिकायत करने से उक्त टेंडर निरस्त किए गए थे| हम आपको बता दें कि अगर अख्तर जावेद उस्मानी एसईसीएल के बड़े हितैषी हैं तो केंद्रीय चिकित्सालय एसईसीएल मनेन्द्रगढ़ के कर्मचारियों के अनुसार डॉक्टर कॉलोनी टाइप-1 टाइप-2 टाइप-3 एवं सीएचएम कॉलोनी में मेंटेनेंस के नाम पर 3 करोड़ 83लाख रूपयो का जो घोटाला किया गया तब अख्तर जावेद उस्मानी कहाँ थे उनकी बोलती आंखिर क्यों बंद थी उस समय ये महोदय अंधे गूंगे बहरे बन चुप्पी साधे कुंभ्करणी नींद में सो रहे थे जब इन पर आन पड़ी तब आनन-फानन में कुंभ्करणी नींद से जागे और खुद अपने मुह से अपने तारीफों के फूल झाड़ने लगे इसके अतिरिक्त इनको एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के कई फर्जियो के बारे पता है लेकिन उनके विरुद्ध अख्तर जावेद उस्मानी किस वजह से कार्यवाही नहीं करा रहे सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार संतोष कुमार धर और चंदन सरकार उक्त  दोनों ही अंगूठाछाप के तहत एसईसीएल में भर्ती हुए जनरल मजदूर के पद पर पदस्थ हुए और कुछ वर्ष पश्चात् उक्त दोनों एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के कुछ भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से संतोष कुमार धर लिपिक ग्रेड-2 और चंदन सरकार कार्यालय अधीक्षक के पद पर केंद्रीय चिकित्सालय एसईसीएल मनेन्द्रगढ़ में पदस्थ हैं तथा दोनों ही करीब एक दो महीने के भीतर रिटायर्ड होने के कगार पर हैं यदि अख्तर जावेद उस्मानी एसईसीएल के बड़े हितैषी हैं तो उक्त संतोष कुमार धर और चन्दन सरकार के विरुद्ध किस वजह से कार्यवाही नहीं करा रहे है जो इनकी ईमानदारी पर धब्बा लगा दिखाई दे रहा है अगर वास्तव में अख्तर जावेद उस्मानी एसईसीएल से कूट रचना कर फर्जी तरीके से नौकरी नहीं हथियाया हैं और वह एसईसीएल हित में पूरी तरह से समर्पित है तो संतोष कुमार धर और चंदन सरकार को वापस जनरल मजदूर में करा कर उनके द्वारा एसईसीएल को चूना लगाकर आहरण किए गए राशि की रिकवरी भी करा कर अपनी ईमानदारी का परिचय दें तभी आपको एसईसीएल का हितैषी माना जायेगा... अन्यथा आपके विरुद्ध सोशल मीडिया में दी जा रही भ्रामक जानकारी सच भी साबित हो सकती है |

  • संपादक की कलम से - सिरिल दास    


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