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बारिश ने बढ़ाई तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता... वन क्षेत्र के हरे कोने पर मंडरा रहा खतरा...

बारिश ने बढ़ाई तेंदूपत्ता संग्राहकों की चिंता... वन क्षेत्र के हरे कोने पर मंडरा रहा खतरा...



  • ""यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ कोरिया की रिपोर्ट""

कोरिया जिले के विकासखंड भरतपुर में बेमौसम बारिश के तेंदूपत्ता संग्राहक परेशान हैं। उन्हें तेंदूपत्ता खराब होने का डर सता रहा है, जिससे उनकी आय प्रभावित हो सकती है। संग्रहण केंद्र में रखे तेंदूपत्तों पर बारिश के कारण धूल-मिट्टी लग गई है, जिससे पत्तों के सड़ने की आशंका जताई जा रही है तेंदूपत्ता गीले हो चुके हैं। यहां वनांचल क्षेत्र में इस कोरोना काल में तेंदूपत्ता ग्रामीणों के लिए खुशियां लाया था। प्रदेश भर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरी रफ्तार के साथ जारी है,जिले में शासन की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति सैंकड़ा 400 रुपए मिल रहे हैं. वहीं 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया गया है. जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। जिला में इन दिनों तेंदूपत्ता संग्रहण का काम तेजी से हो रहा था,इस बीच बारिश हो गई,अभी पेड़ों में पत्ता आना शुरू ही हुआ है कि बारिश हो गई. कुछ जगह पत्ते आने में जून प्रथम सप्ताह तक का समय लग सकता है।ग्रामीणों ने बताया कि सामान्य तौर पर जब पत्ता कोमल होता है तो उस पर पानी गिरने के बाद दाने के रूप में गांठ बनने की आशंका बढ़ जाती है,ग्रामीण इसे माता की बीमारी का नाम देते हैं।साथ ही कई जगह तेंदू के पत्तों में छेंद होने का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में सभी पत्ते उपयोग के लिए उचित नहीं होते. जिससे पत्ता तोड़ने वालों को नुकसान होता है।


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