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आगामी पर्व को देखते हुए...पटाखों को फोड़ने की अवधि निर्धारित... निर्धारित सीमा के भीतर बेचे जा सकेंगे ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखे...||Chhattisgarh Lions||

आगामी पर्व को देखते हुए...पटाखों को फोड़ने की अवधि निर्धारित... निर्धारित सीमा के भीतर बेचे जा सकेंगे ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखे...||Chhattisgarh Lions||

कलेक्टर कोरिया एस.एन राठौर द्वारा शासन के निर्देशानुसार जिले में हरित पटाखा के फोड़े जाने हेतु अवधि निर्धारित कर दी जा चुकी है। उक्त निर्देशनुसार:-

  1. जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषजनक श्रेणी हो, वहां केवल हरित पटाखे का ही विक्रय एवं उपयोग किये जायेगें।
  2. आगामी पर्व दीपावली, छठ, गुरू पर्व, नया वर्ष तथा क्रिसमस इत्यादि के अवसर पर पटाखों को फोड़ने की अवधि केवल 2 घण्टे ही निर्धारित किये गए है। उक्त निर्धारित अवधि में हरित पटाखे दीपावली को रात 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक तथा छठ पूजा में सुबह 6:00  बजे से सुबह 8:00 बजे तक एवं गुरू पर्व में रात 8 :00बजे से रात 10:00  बजे तक और नया वर्ष तथा क्रिसमस में रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक फोड़े जा सकेगें।
  3. पटाखों के उपयोग के संबंध में अन्य निर्देश उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुरूप होंगे। जिसमें कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिक्री केवल लाईसेंस्ड ट्रेडर्स द्वारा की जा सकेगी।
  4. केवल उन्हीं पटाखों को बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे अथवा लडियों की बिक्री, उपयोग एवं निर्माण प्रतिबंधित की गई है।
  5. पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लाईसेंस भी रदद् करने के निर्देश दिये गये हैं जिनके द्वारा पटाखों में लिथीयम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है।
  6. ऑनलाईन अर्थात ई-व्यापारिक वेबसाईटों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि से पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगा।
  7. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त मार्गदर्शिका अनुसार राज्य के सभी 07 क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा परिवेशयी वायु गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग तथा इसके परिणाम वेबसाईट में अपलोड किया जायेगा।
  8. वायु गुणवत्ता के अंतर्गत PM10 में भारी धातु लेड- निकिल, आर्सेनिक एवं PM2.5 में भारी धातु एल्यूमिनियम, बेरियम आयरन तथा सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड के पैरामीटर की मानिटरिंग की जानी है। पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।
  9. वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण कोविड-19 वायरस के घातक रूप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
  10. वायु प्रदूषण अधिक होने से कोविड-19 वायरस के रोगियों की संख्या बढ़ने की भी संभावना हो सकती है। इसके लिए सभी संबंधितों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली के उपरोक्त आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।

  • यीशै दास जिला ब्यूरो चीफ कोरिया की रिपोर्ट

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